भारत के लिए टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर काफी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं। उन्होंने नवंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और दिसंबर 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 303 रनों की नाबाद पारी खेली थी। इस मैच में टीम इंडिया ने 75 रनों से जीत दर्ज की और नायर को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
इसके बाद करुण नायर क्रिकेट जगत में सुर्खियों में रहे, लेकिन मार्च 2017 में आखिरी बार टेस्ट खेलने के बाद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ओझल हो गए। इस बीच बांग्लादेश के खिलाफ मोहम्मद शमी के बाहर होने और उनकी जगह जयदेव उनादकट के शामिल किए जाने के बाद नायर को वापसी करने उम्मीद मिली है।
करुण नायर को कर्नाटक रणजी टीम में भी जगह नहीं मिली है, जिसके बाद उन्होंने शनिवार को एक भावुक ट्वीट किया। नायर ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'डियर क्रिकेट प्लीज मुझे एक और मौका दे दो।' उनके इस ट्वीट ने उनके चाहने वालों और फैन्स को काफी भावुक कर दिया।
सोशल मीडिया पर उनका ये ट्वीट देखते ही देखते वायरल हो गया। इसके बाद से लोग उनके बारे में सोशल मीडिया पर काफी बातें कर रहे हैं।
Dear cricket, give me one more chance.🤞🏽
— Karun Nair (@karun126) December 10, 2022
लगातार नजरअंदाज होने पर छलका नायर का दर्द
आपकों बता दें कि नायर आखिरी बार महाराजा टी-20 ट्रॉफी में मैसूर वॉरियर्स की तरफ से खेलते हुए नजर आए। उन्होंने 12 मैचों में 23.36 की औसत 146.02 के स्ट्राइक रेट से 257 रन बनाए। उन्होंने टूर्नामेंट में हुबली टाइगर्स के खिलाफ 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी। उनके प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड की बात करें तो नायर ने 85 मैचों में 48.94 की औसत से 5922 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 15 शतक और 27 अर्धशतक भी लगाए हैं।
भारत के लिए तिहरा शतक लगाने के बावजूद नायर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल 6 टेस्ट और दो वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने 6 टेस्ट मैचों में 62.33 की औसत से 374 रन बनाए। इसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं। वहीं दो वनडे में उनके नाम 46 रन है। 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद नायर को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया।
नायर को यह नहीं पता चला कि उन्हें टीम से अचानक क्यों बाहर कर दिया गया, क्योंकि कुछ खिलाड़ियों को कुछ पारियों में फ्लॉप होने के बावजूद भी लगातार मौके मिले, लेकिन नायर के साथ ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, इसके बाद नायर कर्नाटक टीम के अहम सदस्य रहें। लेकिन उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए टीम ने नहीं चुना गया और अब पहले दो रणजी ट्रॉफी मैच के लिए भी टीम में जगह नहीं दी गई है। ऐसे में लगातार नजरअंदाज होने के बाद नायर का दर्द छलक पड़ा है।