भारत के स्टार बल्लेबाज केएल राहुल ने हाल ही में टी-20 विश्व कप 2021 में जल्दी बाहर होने के बाद से भारत के आक्रामक दृष्टिकोण खेल के बारे में बात की है। उन्होंने स्वतंत्रता के साथ खेलने के महत्व पर भी जोर दिया है। जिम्बाब्वे के खिलाफ हालिया दौरे में केएल राहुल बेहतरीन प्रदर्शन नहीं दिखा पाए हैं हालांकि उन्होंने बतौर कप्तान टीम को 3-0 से सीरीज में जीत दिलाई। लंबे समय के बाद वापसी करते हुए उन्होंने अपनी दो पारियों में 1 और 30 रन ही बनाए।
इस साल का इंडियन टी-20 लीग का सीजन उनके लिए बेहद अच्छा गया, वह अपने फॉर्म में थे और लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए 15 पारियों में 616 रन के साथ टूर्नामेंट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बने। जिम्बाब्वे दौरे पर लौटने तक राहुल पिछले दो महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर थे। राहुल अब फिरसे टॉप ऑर्डर में पर बल्लेबाजी करते हुए अपने फॉर्म को वापस पाने की उम्मीद के साथ एशिया कप 2022 में उतरेंगे।
टीम और कप्तान को जो चाहिए था, उसे अपनाया गया है: केएल राहुल
राहुल ने भारत के नए दृष्टिकोण के बारे में बात किया, जिसे अपनाकर भारत टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद से सभी सीरीज जीत रहा है, और यह तरीका बल्लेबाजों को विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाने पर काम भी कर रही है।
भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले से पहले राहुल ने प्रेस को बताया कि, "यह जो नया दृष्टिकोण है हमने इसके बारे में बहुत पहले बात की थी, जब मैं वर्ष की शुरुआत में भी टीम का हिस्सा था और टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद भी। पिछले सीजन में हमने इस बारे में बात की थी कि हमें व्यक्तिगत रूप से क्या सुधार करने की जरूरत है और कैसे एक टीम के रूप में हम और अधिक आक्रामक होने की कोशिश कर सकते हैं, गेंदबाजों पर कैसे दबाव डाल सकते हैं, और कैसे हम मैदान पर जाकर अधिक स्वतंत्रता और आक्रामकता के साथ खेलते हैं।"
उन्होंने आगे बताया कि कोच और कप्तान की आवश्यकताओं को खिलाड़ियों ने समझा और अपनाया भी, इसी के बदौलत हमने टीम को इतना मजबूत बनाया और इस मुकाम पर पहुँचें। खिलाड़ियों ने पहले ही बड़ा कदम उठाया है और अपनाया है। हमने खुलकर बल्लेबाजी की है और आक्रामक तरीके को अपनाया है।