20-20 वर्ल्ड कप 2022 के शुरू होने से पहले एक मजेदार वाकया सामने आया था, जब पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने एक बिस्किट ब्रांड को फिर से लॉन्च किया और कहा कि यह पहली बार 2011 में भारत में लॉन्च हुआ था और उस समय भारत ने वर्ल्ड कप जीता था। उन्होंने लोगों से यहां तक कहा कि वे वही कार्य करें, जो उन्होंने 2011 में किया था।
20-20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की। इस बीच भारतीय टीम के दोनों वर्ल्ड कप अभियान से जुड़ा एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इसमें 2011 वर्ल्ड कप के सफल अभियान के साथ कई समानताएं हैं। इस आर्टिकल में देखिए वो समानताएं क्या हैं।
1. बदले वाली जीत के साथ अभियान की शुरुआत
भारत ने 2011 वर्ल्ड कप के पहले मैच में बांग्लादेश को 87 रनों से हराकर 2007 सीजन में हार का बदला लिया था। इसी तरह 20-20 वर्ल्ड कप 2022 के पहले मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराकर पिछले साल यूएई में हुए 20-20 वर्ल्ड कप में मिली हार का बदला लिया।
2. टूर्नामेंट से ठीक पहले तेज गेंदबाज का बाहर होना
2011 वर्ल्ड कप के लिए तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार को भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया था। लेकिन कोहनी की चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था और उनकी जगह एस श्रीसंत को शामिल किया गया। इसी तरह इस 20-20 वर्ल्ड कप के लिए जसप्रीत बुमराह को टीम में चुन लिया गया था, लेकिन वह चुने के बाद चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए। बुमराह की जगह मोहम्मद शमी को शामिल किया गया।
3. दक्षिण अफ्रीका से मिली हार
2011 वर्ल्ड कप में भारत को एकमात्र हार ग्रुप स्टेज में दक्षिण अफ्रीका से मिली थी। इसी तरह चल रहे 20-20 वर्ल्ड कप में भी 'मेन-इन-ब्लू' को प्रोटियाज के खिलाफ हार मिली। दोनों मुकाबले में चौंकाने वाली समानता यह है कि दक्षिण अफ्रीका ने दोनों बार पारी में दो गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल किया।
4. एक ही ग्रुप में भारत, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश
2011 वर्ल्ड कप में भारत, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड और बांग्लादेश एक ही ग्रुप में थे। इसी तरह इस साल भी चारों टीमें एक ग्रुप ही में हैं। भारत ने नीदरलैंड का सामना अब तक तीन वर्ल्ड कप यानी 2003, 2011 और 2022 में किया है और संयोग से वे दो बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं।