Shamar Joseph: गाबा में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 8 रनों से हराकर सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म की। मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने पहले टेस्ट मैच में 10 विकेट से जीत दर्ज की थी। दूसरे टेस्ट मैच में भी टीम जीत की दावेदार नजर आ रही थी। लेकिन वेस्टइंडीज के 24 साल के गेंदबाज शमर जोसेफ (Shamar Joseph) ने अपनी गेंदबाजी से सारा मैच ही पलट दिया। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 216 रनों की जरूरत थी। शमर जोसेफ ने 7 विकेट लेकर गाबा में कंगारूओं का घमंड तोड़ दिया। आज आपको शमर जोसेफ के संघर्ष की कहानी बताते हैं कि कैसे वो आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
डेब्यू टेस्ट मैच में लिया था 5 विकेट
आपको बता दें दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शमर जोसेफ (Shamar Joseph) को मिचेल स्टार्क के यॉर्कर के चलते पैर में चोट लग गई थी। लेकिन उन्होंने कमाल का जज्बा दिखाया और गेंदबाजी करते वक्त 7 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। शानदार प्रदर्शन के चलते शमर जोसेफ ने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम किया। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले व अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शमर जोसेफ ने 5 विकेट लिए थे।
जानें Shamar Joseph के संघर्ष की कहानी
शमर जोसेफ (Shamar Joseph) पहले अपने गांव में टेप-बॉल क्रिकेट खेला करते थे। उनके गांव में, टीवी सेट्स नहीं हैं, लेकिन शमर ने क्रिकेट के प्रति अपने प्यार को कम नहीं होने दिया और वह कर्टली एम्ब्रोस और कर्टनी वॉल्श सहित वेस्टइंडीज के दिग्गज तेज गेंदबाजों की हाइलाइट रील देखते थे। क्रिकेट में सफल करियर बनाने से पहले जोसेफ ने अपने 2 साल के बच्चे और अपने परिवार को पालने के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम किया।
हालांकि, इस दौरान भी क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम इतना था कि उसे कभी नज़रअंदाज नहीं किया। शमर जोसेफ ने अपनी नौकरी छोड़कर फुल टाइम क्रिकेट खेलने का फैसला लिया। मेहनत का फल उन्हें तब मिला जब उन्होंने फरवरी 2023 में गुयाना हार्पी ईगल्स के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया। हालांकि उन्होंने उस सीज़न के दौरान केवल तीन गेम खेले, लेकिन उन्होंने नौ विकेट लिए, जिससे वेस्टइंडीज टीम में उनको मौके मिलने की उम्मीद दिखी।
शमर जोसेफ ने 2023 में कैरेबियन प्रीमियर लीग में डेब्यू किया, जिसमें चैंपियन गुयाना अमेज़ॅन वॉरियर्स के लिए दो मैच खेले। दक्षिण अफ्रीका में जोसेफ ने शानदार प्रदर्शन किया। वह सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी थे। जिसके बाद उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और फिर उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में जगह मिली।