विराट कोहली को वनडे कप्तानी से हटाये जाने के बाद उनके और बीसीसीआई के बीच ऐसा लगता है सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीते बुधवार को कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कप्तानी को लेकर कई बातों का खुलासा किया। इस मामले में अलग-अलग विशेषज्ञों की प्रतिकियाएं भी आईं। इसी क्रम में कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने कहा कि किसी तरह की अनावश्यक विवाद की जरूरत नहीं है।
साउथ अफ्रीका दौरे पर रवानगी से पहले बुधवार को विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कोहली ने कहा कि बीसीसीआई की ओर से किसी ने भी उन्हें अक्टूबर में टी-20 कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध नहीं किया था। जबकि अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने कोहली से अपने पद से इस्तीफा नहीं देने का अनुरोध किया था। इस दौरान कोहली ने यह भी कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मैचों के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा के साथ उनका कोई मसला नहीं है।
'अनावश्यक विवाद की जरूरत नहीं'
ऐसे में अब दो अलग-अलग बयानों को सुनने के बाद भारतीय प्रशंसकों के लिए किसी एक पर विश्वास करना मुश्किल हो गया है। कोहली के खुलासे के बाद भारतीय क्रिकेट में नया विवाद खड़ा हो गया है। इस बीच कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने इस मामले पर खेलनीति से बात की। उन्होंने कहा कि दोनो पक्ष शब्दों के चयन पर विचार करते और कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने से बचते तो चीजें बेहतर होतीं।
उन्होंने कहा, 'मैं इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता, क्योंकि यह सीधे तौर पर विराट से जुड़ा है। लेकिन मुझे लगता है कि दोनों तरफ से इस तरह के कठोर शब्दों का इस्तेमाल न किया जाता तो और अच्छा होता। टीम अच्छा कर रही है। मुझे नहीं लगता कि हमें अनावश्यक विवाद की जरूरत है।'
उन्होंने कहा कि विवाद कोहली के खेल को प्रभावित नहीं करेगा, जब वह 26 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय टीम का नेतृत्व करेंगे। विराट को किसी चीज का लालच नहीं है। वह आत्मविश्वास से भरे रहते हैं और वह जानते हैं कि वह अपना 100 प्रतिशत देंगे। मुझे उम्मीद है कि बोर्ड इस स्थिति से कुशलता से निपटेगा और यह मामला आगे तूल नहीं पकड़ेगा।