इंडियन टी-20 लीग 2022 संस्करण में रिंकू सिंह अपने प्रदर्शन की बदौलत कोलकाता टीम के आंखों का तारा बने हुए हैं। उन्हें अपने लीग करियर का पहला प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार राजस्थान के खिलाफ 23 गेंदों में 42 रनों की मैच विनिंग पारी खेलने के लिए मिली थी। वहीं रिंकू सिंह ने बुधवार को हुए मैच में लखनऊ के खिलाफ भी 15 गेंदों में ताबड़तोड़ 40 रन रन बनाए।
दुर्भाग्य से वह आउट हो गए, अन्यथा वह लखनऊ के जबड़े से जीत छिन लाते। वह आखिरी ओवर की चार गेंदों में 1 चौका और 2 छक्के लगा चुके थे, लेकिन पांचवी गेंद पर वह एविन लुईस के शानदार कैच पर आउट हो गए और कोलकाता हाई-स्कोरिंग मुकाबले में सिर्फ 2 रन से हार गई। इस बीच रिंकू सिंह ने अपने करियर के संघर्ष पर खुलकर बात की।
करियर की शुरुआत में कम मौके मिले
रिंकू सिंह ने कहा कि उन्हें करियर की शुरुआत में बहुत कम मौके मिले। वह सीमित मौका मिलने के कारण अपने खेल से प्रभावित करने में नाकाम रहे। हालांकि, कोलकाता फ्रेंचाइजी ने युवा खिलाड़ी पर विश्वास दिखाया और उनके साथ खड़े रहे।
फ्रेंचाइजी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में रिंकू सिंह ने कहा, वो पांच साल मेरे लिए काफी कठिन थे। पहले साल के बाद, जब मुझे कोलकाता के खेलने का मौका मिला, तो मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। इसके बावजूद फ्रेंचाइजी ने मुझ पर भरोसा किया और उन्होंने मुझे अगले सीजन के लिए बरकरार रखा।
पिता ने 2-3 दिनों तक कुछ नहीं खाया
उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी ने यह भी बताया कि उन्हें 2021 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान चोट लग गई थी और उनसे कहा गया कि वह अगले 6-7 महीनों तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। चूंकि वह अपने परिवार का इकलौते कमाने वाले है, इसलिए यह उनके लिए एक बड़ा झटका था।
सिंह ने कहा, मैंने अपनी कड़ी मेहनत की। पिछला साल मेरे लिए काफी कठिन था, क्योंकि विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान डबल रन के समय मेरे घुटने में चोट लग गई थी। जिस वक्त मैं गिरा, मैंने इंडियन टी-20 लीग के बारे में सोचा। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ऑपरेशन की जरूरत है और ठीक होने में 6-7 महीने लगेंगे।
युवा खिलाड़ी ने आगे कहा, इतने लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहकर मैं खुश नहीं था। मेरे पिता ने 2-3 दिनों तक कुछ नहीं खाया। लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह सिर्फ एक चोट है और यह क्रिकेट का हिस्सा है। मैं इकलौता कमाने वाला हूं और जब ऐसी चीजें होती हैं, तो यह चिंता दे जाती है। मैं दुखी था, लेकिन मैं जानता था जल्दी ठीक हो जाऊंगा। यह मेरे आत्मविश्वास के कारण था।