New Update
इंडियन टी-20 लीग का 2022 संस्करण कोलकाता के लिए उम्मीद के मुताबिक नहीं गुजरा था। टीम ने टूर्नामेंट में 14 मैच खेले और केवल 6 मुकाबले जीते, जिससे वह अंकतालिका में सातवें स्थान पर रही। पिछले सीजन में दो बार की इंडियन टी-20 लीग चैंपियन टीम के लिए योजनाएं सफल नहीं हुई थीं।
2012 की विजेता टीम के लिए एक बड़ी चिंता ये भी रही कि उनके पास कोई सलामी जोड़ी परमानेंट नहीं रही। इसके अलावा टीम में प्रॉपर विकेटकीपर-बल्लेबाज भी कमी महसूस हुई। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 प्रमुख वजहों की चर्चा करेंगे, जो इंडियन टी-20 लीग 2023 में श्रेयस अय्यर की टीम के लिए बड़ा अंतर ला सकता है।
तेज गेंदबाजी के खिलाफ मुश्किलें
अपने जमाने में विस्फोटक बल्लेबाज रहे ब्रैंडन मैकुलम पिछले सीजन में कोलकाता के बल्लेबाजी कोच के रूप में सक्रीय थे। लेकिन उनके नेतृत्व में टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। कोलकाता के बल्लेबाजों को इंडियन टी-20 लीग में तेज गेंदबाजों को खेलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। 2014 की चैंपियंस टीम के पास 133 की खराब स्ट्राइक रेट के साथ प्रति विकेट (15) गेंदों की बहुत खराब संख्या थी।
डेथ स्लॉग ओवरों और पावरप्ले में खराब बल्लेबाजी
कोलकाता ने बैटिंग लाइनअप टॉप ऑर्डर में लगातार बदलाव किए, जिससे पावरप्ले में टीम की बल्लेबाजी पर निगेटिव प्रभाव पड़ा। इसके साथ ही खराब फॉर्म में चल रहे वेंकटेश अय्यर भी टीम मैनेजमेंट के लिए सिरदर्द बने हुए थे। पावरप्ले में खराब बल्लेबाजी के कारण ही कोलकाता की टीम ने बोर्ड पर बड़ा स्कोर खड़ा करने में संघर्ष किया। यह मैनेजमेंट के लिए चिंता का बड़ा विषय होगा, जिसे 2023 सीजन के लिए सुधारने की जरूरत है।
क्वालिटी डेथ बॉलरों की कमी
स्लॉग ओवरों के दौरान खराब गेंदबाजी कोलकाता के लिए तीसरी प्रमुख समस्या है, जो लंबे समय से चली आ रही है। इंडियन टी-20 लीग 2022 सीजन के दौरान कोलकाता को डेथ बॉलिंग में इसी समस्या का सामना करना पड़ा था। मैनेजमेंट ने काफी प्रयास किए और सभी कॉम्बिनेशन की कोशिश की, लेकिन रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला। डेथ ओवरों में कोलकाता के गेंदबाजी इकोनॉमी (11.35) काफी खराब है। इस कारण से टीम लक्ष्य का बचाव करने में भी कई बार असफल रही।