क्रिकेट जगत में कई विकेटकीपर और प्रतिभाशाली खिलाड़ी आए लेकिन भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी जैसा टैलेंट शायद ही किसी ने देखा होगा। धोनी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक माना जाता है और उनके बेहतरीन विकेटकीपिंग और तेज तर्रार स्टंपिंग के लिए वह काफी प्रसिद्ध हैं।
वह ऐसे कप्तान हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह विकेट के पीछे रहकर गेम बदल देते थे और कई महत्वपूर्ण मौकों पर उन्होंने ये करके भी दिखाया है। धोनी के पास अंतरराष्ट्रीय करियर में 634 कैच और 195 स्टंपिंग का शानदार रिकॉर्ड है।
सभी क्रिकेटरों की तरह धोनी ने भी टेनिस बॉल से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने इस बारे में कहा कि टेनिस बॉल से खेलने के लिए विकेटकीपर के हाथ काफी नरम होने चाहिए ताकि वो आसानी से बॉल को पकड़ सकें। वहीं लेदर गेंद में जो विकेटकीपिंग दस्ताने आप पहनते हैं उसमें रबर और कॉटन होता है जिससे विकेटकीपर बॉल को आसानी से पकड़कर कैच या रनआउट कर सकता है।
एमएस धोनी ने इंडिया टुडे के लिवफास्ट इवेंट में कहा कि, "मैंने भी टेनिस बॉल से अपने करियर की शुरुआत की थी। जब आप टेनिस बॉल से विकेटकीपिंग करेंगे तो यह बहुत जरूरी रहता है कि आपके हाथ नरम हो, क्योंकि अगर आपने ऐसा नहीं किया और आपने हाथ को सख्त रखा तो बॉल आपके हाथ से फिसल जाएगी। इसलिए मैंने शुरुआत वहीं से की थी।"
किरण मोरे ने कीपिंग में मेरी काफी मदद की है: एमएस धोनी
धोनी ने बताया कि, "जहां तक लेदर बॉल से विकेटकीपिंग की बात है तो मुझे काफी मदद मिली। शुरुआत में जब किरण मोरे चयनकर्ता थे तो वह टीम के आसपास रहते थे। उन्होंने मेरी कीपिंग की ट्रेनिंग में काफी मदद की है। मुझे यह चीज बेहद ही पसंद आई की वह समझ गए थे कि मेरी विकेटकीपिंग तकनीक दूसरों से अलग है, मैंने कभी किसी की कॉपी नहीं करना चाही।"
धोनी के पास टी-20 में सबसे अधिक स्टंपिंग करने का रिकार्ड है और वह भारत के अब तक के सबसे बेस्ट फिनिशर और कप्तान रह चुके हैं।