क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ईसीबी के बीच काफी विचार-विमर्श के बाद एशेज सीरीज 8 दिसंबर से शुरू होने वाली है। इसके लिए ईसीबी ने 17 सदस्यीय टीम की घोषणा भी कर दी। हालांकि इस टीम में बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर और सैम करन शामिल नहीं हैं। वहीं इंग्लैंड टीम की घोषणा से पहले यह निश्चित नहीं था कि इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया में कोविड के सख्त प्रोटोकॉल के कारण दौरे पर जायेगी या नहीं।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और केविन पीटरसन ने भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार के कड़े कोविड प्रोटोकॉल के बीच एशेज को रद्द करने की बात कही थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने कहा कि यदि इंग्लैंड टीम नहीं आना चाहती तो न आएं। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मैट प्रायर ने टिम पेन के इस बयान पर कहा कि यह काफी निराशाजनक और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान में कमी है।
शुरू में इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने जताई थी चिंता
शुरू में इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में करीब तीन महीने तक परिवारों के बिना रहने के बारे में चिंता जताई थी। इस पर कई पूर्व विशेषज्ञों और आलोचकों ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ सहानुभूति भी दिखाई थी। हालांकि टिम पेन ने सहानुभूति नहीं दिखाई। इस पर मैट प्रायर ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान इंग्लैंड टीम ने कितने मैच खेले। घरेलू और बाहर को मिलाकर 18 मैच। ऑस्ट्रेलिया ने घर में चार मैच खेले, तो इसलिए वे बोलने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सम्मान का कुछ स्तर होना चाहिए
मैट प्रायर ने आगे कहा कि यह एशेज है और यह सामान चलता रहता है। यह पहली गेंद फेंके जाने से महीनों पहले शुरू होता है। हम सभी जानते हैं कि, हम सब इसे प्राप्त करते हैं। लेकिन सम्मान का स्तर होना चाहिए। जब वेस्टइंडीज की टीम यहां आई तो सीरीज के लिए वे जिस चीज से गुजर रहे थे, उसके लिए काफी सम्मान था।
उन्होंने कहा कि सम्मान का एक स्तर होना चाहिए। प्रायर ने पूरी स्थिति की तुलना उस उदाहरण से की जब वेस्टइंडीज की टीम ने पहली बार 2020 में महामारी की पहली लहर के बाद इंग्लैंड का दौरा किया था। मैट प्रायर ने कहा कि बायो-बबल के बारे में क्रिकेट में वर्तमान स्थिति को देखते हुए टिम पेन का बयान अनावश्यक और उसमें सम्मान की कमी थी।