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Image Credit BCCI/IPL
बीसीसीआई अभी तक इंडियन टी-20 लीग के लिए मेगा ऑक्शन के लिए तारीखों का ऐलान नहीं कर सका है। वहीं सीवीसी मामले को लेकर बोर्ड ने चुप्पी साधा हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि इस मेगा ऑक्शन को स्थगित किया जा सकता है।
टीम नीलामी के दौरान सीवीसी कैपिटल ने अडानी ग्रुप को पीछे छोड़ते हुए अहमदाबाद फ्रेचाइज़ी खरीदने के लिए 5,625 करोड़ रुपये की बोली लगाई। हालांकि, बाद में यह जानकारी मिली कि कंपनी ने दो सट्टेबाजी कंपनी में निवेश किया है, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
बीसीसीआई ने इस मामले को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की एक पैनल नियुक्त की। बाद में खबर आई कि पैनल ने सीवीसी को क्लीन चिट दे दी है और गेंद अब बीसीसीआई के पाले में है। वहीं बोर्ड ने अभी तक फ्रेंचाइजी और इंडियन टी-20 लीग के 15 वें सीजन के भविष्य का फैसला नहीं किया है।
दोनों पक्ष के वकील मामले को सुलझाने में जुटे हुए हैं
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद टीम और बोर्ड के वकील आ रही मुश्किलों को सुलझाने में जुटे हुए हैं। बोर्ड ने मन बना लिया है कि सीवीसी कैपिटल अहमदाबाद टीम का मालिक होने जा रहा है। इसमें देरी केवल कानूनी विशेषज्ञों द्वारा समझौते के लिए सही शब्द खोजने के प्रयास के कारण हो रही है।
इस देरी का असर मेगा ऑक्शन पर पड़ने की संभावना है, जिसे पहले ही फरवरी तक टाल दिया गया है। बोर्ड दोनों फ्रेंचाइजी मालिकों को खिलाड़ियों को साइन करने के लिए कम से कम 15 दिन का समय दे सकता है। इसलिए मेगा ऑक्शन को एक नई तारीख के लिए स्थगित किया जा सकता है और बीसीसीआई सीवीसी के मामले को हल करने के बाद अंतिम तारीख की घोषणा कर सकता है।
इससे पहले आठ टीमों ने उन खिलाड़ियों के नाम पहले ही जारी कर दिये हैं, जिनको उन्होंने रिटेन किया है। दो नई टीमों के पास मेगा ऑक्शन में जाने से पहले तीन खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प है। यह ऑक्शन पूल हाल के दिनों में सबसे बड़ा होने की संभावना है।