इंग्लैंड टीम के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने 18 जुलाई को वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 19 जुलाई यानि मंगलवार को वह अपने करियर का आखरी वनडे मुकाबला खेलेंगे।
हाल ही में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयोन मॉर्गन ने सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास की घोषणा कर दी थी क्योंकि उनका फॉर्म खराब चल रहा था। ऐसे में स्टोक्स के वनडे क्रिकेट से संन्यास की बात सुनकर इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने फ्रेंचाईजी क्रिकेट टूर्नामेंट पर निशाना साधा है और आरोप लगाए हैं कि स्टोक्स के इतनी जल्दी संन्यास लेने का मुख्य कारण यही है।
बेन स्टोक्स के कमाल के कारण ही इंग्लैंड ने साल 2019 में अपने ही धरती पर पहला वर्ल्ड कप उठाया था। स्टोक्स को फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन के कारण मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी मिला। 11 वर्षों के दौरान, स्टोक्स ने 104 वनडे मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया है और वह मंगलवार, 19 जुलाई को डरहम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना 105 वां और अंतिम मैच खेलेंगे, यह इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की सीरीज में से पहला वनडे है।
खिलाड़ियों को 31 साल की उम्र में एक फॉर्मेट से संन्यास नहीं लेना चाहिए: वॉन
वॉन ने ट्विटर पर अपनी निराशा जताई और लिखा कि, "अगर दुनिया भर के सभी क्रिकेट बोर्ड अपने-अपने फ्रेंचाईजी टूर्नामेंट के लिए बेताब हैं तो द्विपक्षीय वनडे या टी-20 सीरीज को जाना ही होगा। कुछ तो देना ही है। 31 साल की उम्र में एक फॉर्मेट से संन्यास लेने वाले खिलाड़ी नहीं होने चाहिए!"
वॉन के इस पोस्ट को देखकर स्पष्ट है कि वह ऑलराउंडर के फैसले से काफी निराश थे। हालांकि, स्टोक्स ने संन्यास लेने के बारे में बताया कि वह तीनों फॉर्मेट में अपना 100 प्रतिशत योगदान नहीं दे पा रहे थे इसलिए उन्होंने वनडे क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया है। वह चाहते हैं की टीम में उस खिलाड़ी को जगह मिले जो पूरा योगदान दे सके। बता दें कि वह टेस्ट क्रिकेट और टी-20 खेलना जारी रखेंगे।