इंडियन टी-20 लीग की फ्रेंचाईजी टीमें भारत में सफल लीग के बाद अब विदेशों में खुद का नेटवर्क बना रही है। साउथ अफ्रीका की नई टी-20 लीग और यूएई लीग में भाग लेने वाली सभी छह टीमों को इंडियन टी-20 की फ्रेंचाइजी द्वारा खरीद लिया गया है। मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद, दिल्ली कैपिटल्स, लखनऊ सुपर जायंट्स और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों और सह-मालिकों ने प्रतियोगिता में बची टीमों को खरीदा है।
लेकिन इन सबके बावजूद किसी भी भारतीय खिलाड़ियों को दूसरी लीग में खेलने से प्रतिबंध किया गया है। सोचने वाली बात यह है कि इन लीग में भारतीय फ्रेंचाईजी टीम ही है तो फिर ऐसा मुमकिन क्यों नहीं है? आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नियमों के अनुसार जो भी भारतीय खिलाड़ी अनुबंध से जुड़ा है वह किसी भी दूसरे लीग का हिस्सा नहीं हो सकता, चाहें ही वह कोई खिलाड़ी या मेंटॉर के पद के लिए क्यों न हो? खिलाड़ियों को दूसरी लीग में खेलने के लिए पूर्ण रूप से रिटायर होना पड़ेगा।
एमएस धोनी रिटायरमेंट के बावजूद नहीं खेल सकते दूसरी लीग
चेन्नई सुपर किंग्स ने साउथ अफ्रीका की टी-20 लीग में टीम खरीदी है और खबर सामने आई थी की वह उस टीम के लिए मेंटॉरशिप करेंगे। लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है। धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन फिर भी वह दूसरे लीग का हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं इसके पीछे का कारण यह है कि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नियमों के अनुसार खिलाड़ी को दूसरे लीग में हिस्सा लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ घरेलू क्रिकेट से भी संन्यास लेना पड़ेगा।
भारतीय क्रिकेट बॉर्ड ने तोड़ी चुप्पी
धोनी के विदेशी लीग में खेलनी की अफवाहों पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने इंडियन एक्स्प्रेस से एक इंटरव्यू में इस बात को बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि, "एक चीज पूरी तरह से साफ है, कोई भी भारतीय खिलाड़ी दूसरी लीग में नहीं खेल सकता चाहें वह घरेलू क्रिकेटर ही क्यों न हो। अगर उसे विदेशों की लीग में खेलना है तो उसे भारतीय बोर्ड से नाता तोड़ना होगा। खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ घरेलू क्रिकेट से भी संन्यास लेना होगा।"
धोनी साल 2023 के इंडियन टी-20 लीग का हिस्सा रहने वाले हैं इसलिए वह दूसरे लीग में खेलने पर विचार भी नहीं कर सकते। ऐसा करने के लिए धोनी को इंडियन टी-20 लीग को भी छोड़ना होगा जो शायद वो न करें।