पूर्व क्रिकेटर मुश्ताक अहमद ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों को खुले विचार वाला बताया है और कहा कि भविष्य में वे पाकिस्तान का दौरा करेंगे। इससे पहले इंग्लैंड ने अक्टूबर के महीने में अपनी पुरुष और महिला टीमों को सीरीज के लिए पाकिस्तान भेजने से मना कर दिया। इंग्लैंड का यह फैसला न्यूजीलैंड द्वारा पाकिस्तान का दौरा रद्द करने के बाद आया। अगर यह दौरा होता तो, इंग्लैंड की 2005 के बाद पाकिस्तान में पहली सीरीज होती।
दोनों देशों के दौरे से पीछे हटने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्ति की। हालांकि मुश्ताक अहमद ने इस मामले में आशावादी रवैया अपनाया और कहा कि इंग्लैंड के खिलाड़ी उन्हें निराश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड को इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि जब कोविड-19 महामारी चरण पर थी, तो पाकिस्तान ने सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था।
मुझे लगता है कि खिलाड़ी निश्चित रूप से आएंगे
अहमद ने कहा कि इंग्लैंड में खेलने और छह साल के इंग्लैंड के कोच के अनुभव से मुझे लगता है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी बहुत खुले विचारों वाले हैं और वे दुनिया की परिस्थितियों को जानते हैं। मैं उन्हें जानता हूं। मैंने बहुत सारे क्रिकेटरों के साथ खेला, मैंने उन्हें छह साल तक कोचिंग दी, मैंने (इंग्लिश) काउंटी क्रिकेट खेला। मुझे लगता है कि खिलाड़ी निश्चित रूप से आएंगे।
कोरोना महामारी में पाकिस्तान ने इंग्लैंड का दौरा किया
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में पाकिस्तान इंग्लैंड गया और एक सीरीज खेली, तो उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए था और उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए। 2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पूरी तरह से बंद पड़ गया। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान ने अपने घरेलू मैच यूएई में खेलना शुरू किया। 2015 में जिम्बाब्वे ने पाकिस्तान का दौरा किया, लेकिन पाकिस्तान में क्रिकेट अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है। अहमद ने कहा कि टीम के लिए घर से दूर खेलना आसान नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हीरो, हीरो बन जाते हैं जब वे अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेलते हैं और तभी आपको लगने लगता है कि आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।