इंडियन टी-20 लीग का 15वां संस्करण अब से कुछ दिनों में शुरू होने वाला है और गत चैंपियन चेन्नई की नजर एक बार फिर इस ट्रॉफी को जीतने पर होगी। मेगा नीलामी से पहले चेन्नई ने पहली पसंद के रूप में रवींद्र जडेजा को 16 करोड़ रुपये में रिटेन किया था। वहीं महेंद्र सिंह धोनी और रुतुराज गायकवाड़ को भी फ्रेंचाइजी ने बरकरार रखा था।
एमएस धोनी की अगुवाई में चेन्नई 26 मार्च को शुरुआती मैच में कोलकाता के खिलाफ अपने इंडियन टी-20 लीग 2022 अभियान की शुरुआत करेगी। इस बीच पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर निखिल चोपड़ा को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा चेन्नई के अगले कप्तान होंगे। जडेजा ने पिछले कुछ सालों में अपने बल्लेबाजी में सुधार किया है और इसके साथ वह एक अच्छे गेंदबाज और फील्डर भी हैं।
पूर्व क्रिकेटर ने चेन्नई के अगले कप्तान को लेकर दिया बयान
यूट्यूब पॉडकास्ट 'खेलनीति' पर बोलते हुए क्रिकेट विशेषज्ञ निखिल चोपड़ा ने कहा कि रवींद्र जडेजा निश्चित रूप से चेन्नई के अगले कप्तान के रूप में एक विकल्प हो सकते हैं। वह जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिस तरह से सभी प्रारूपों में उनका फॉर्म रहा है। टी-20 में चार ओवर गेंदबाजी करने और निचले क्रम में बल्लेबाजी करने की जो भूमिका दी गई, उससे वह अच्छी तरह करियर में आगे बढ़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि शायद यही वजह है कि फ्रेंचाइजी ने उनके लिए एक बड़ी राशि का भुगतान किया और अगर धोनी अगले साल नहीं खेलते हैं, तो जडेजा अगले कप्तान हो सकते हैं।
संन्यास लेना हमेशा एक कठिन फैसला होता है
धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और वह अब सिर्फ इंडियन टी-20 लीग में खेलते हुए दिखाई देते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्व भारतीय कप्तान ने जल्दी रिटायरमेंट ले ली, इस पर निखिल चोपड़ा ने कहा कि धोनी को एहसास हो गया था कि टीम इंडिया में उनकी जगह लेने वाले खिलाड़ी उपलब्ध थे।
निखिल चोपड़ा ने कहा कि संन्यास लेना हमेशा एक कठिन फैसला होता है, क्योंकि किसी को यह समझना चाहिए कि वह अपने देश के लिए कितना योगदान दे सकता है। रिषभ पंत के आने के बाद धोनी को यह एहसास हो गया था कि भारतीय टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं, जो उनसे बेहतर योगदान दे सकते हैं। इसलिए उन्होंने सिर्फ इंडियन टी-20 लीग खेलने और युवाओं को भारत के लिए खेलने का मौका देने का निर्णय किया।
इंडियन टी-20 लीग 2022 से पहले पूर्व क्रिकेटर ने किया खुलासा, कौन होगा चेन्नई का अगला कप्तान ?
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर निखिल चोपड़ा को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा चेन्नई के अगले कप्तान होंगे।
MS Dhoni and Ravindra Jadeja. (Photo Source: IPL/BCCI)
इंडियन टी-20 लीग का 15वां संस्करण अब से कुछ दिनों में शुरू होने वाला है और गत चैंपियन चेन्नई की नजर एक बार फिर इस ट्रॉफी को जीतने पर होगी। मेगा नीलामी से पहले चेन्नई ने पहली पसंद के रूप में रवींद्र जडेजा को 16 करोड़ रुपये में रिटेन किया था। वहीं महेंद्र सिंह धोनी और रुतुराज गायकवाड़ को भी फ्रेंचाइजी ने बरकरार रखा था।
एमएस धोनी की अगुवाई में चेन्नई 26 मार्च को शुरुआती मैच में कोलकाता के खिलाफ अपने इंडियन टी-20 लीग 2022 अभियान की शुरुआत करेगी। इस बीच पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर निखिल चोपड़ा को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा चेन्नई के अगले कप्तान होंगे। जडेजा ने पिछले कुछ सालों में अपने बल्लेबाजी में सुधार किया है और इसके साथ वह एक अच्छे गेंदबाज और फील्डर भी हैं।
पूर्व क्रिकेटर ने चेन्नई के अगले कप्तान को लेकर दिया बयान
यूट्यूब पॉडकास्ट 'खेलनीति' पर बोलते हुए क्रिकेट विशेषज्ञ निखिल चोपड़ा ने कहा कि रवींद्र जडेजा निश्चित रूप से चेन्नई के अगले कप्तान के रूप में एक विकल्प हो सकते हैं। वह जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिस तरह से सभी प्रारूपों में उनका फॉर्म रहा है। टी-20 में चार ओवर गेंदबाजी करने और निचले क्रम में बल्लेबाजी करने की जो भूमिका दी गई, उससे वह अच्छी तरह करियर में आगे बढ़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि शायद यही वजह है कि फ्रेंचाइजी ने उनके लिए एक बड़ी राशि का भुगतान किया और अगर धोनी अगले साल नहीं खेलते हैं, तो जडेजा अगले कप्तान हो सकते हैं।
संन्यास लेना हमेशा एक कठिन फैसला होता है
धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और वह अब सिर्फ इंडियन टी-20 लीग में खेलते हुए दिखाई देते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्व भारतीय कप्तान ने जल्दी रिटायरमेंट ले ली, इस पर निखिल चोपड़ा ने कहा कि धोनी को एहसास हो गया था कि टीम इंडिया में उनकी जगह लेने वाले खिलाड़ी उपलब्ध थे।
निखिल चोपड़ा ने कहा कि संन्यास लेना हमेशा एक कठिन फैसला होता है, क्योंकि किसी को यह समझना चाहिए कि वह अपने देश के लिए कितना योगदान दे सकता है। रिषभ पंत के आने के बाद धोनी को यह एहसास हो गया था कि भारतीय टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं, जो उनसे बेहतर योगदान दे सकते हैं। इसलिए उन्होंने सिर्फ इंडियन टी-20 लीग खेलने और युवाओं को भारत के लिए खेलने का मौका देने का निर्णय किया।