मध्य प्रदेश के 28 वर्षीय बल्लेबाज रजत पाटीदार ने गुरुवार को ईडन गार्डन्स स्टेडियम में लखनऊ के खिलाफ एलिमिनेटर मैच में बैंगलोर के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर्फ 49 गेंदों में शतक बनाया। वह अंत तक टिके रहे और 54 गेंदों में 112 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 7 छक्के शामिल थे। उनके इस पारी के दम पर बैंगलोर ने 207 रन का विशाल स्कोर बनाया और अंत में 14 रन से मुकाबला जीत लिया।
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि रजत पाटीदार इंडियन टी-20 लीग 2022 के मेगा नीलामी में अनसोल्ड रहे थे। वह शुरू में बैंगलोर टीम का हिस्सा भी नहीं थे। हालांकि, लवनीथ सिसोदिया के चोटिल होने के बाद रिप्लेसमेंट के तौर पर उन्हें टीम में शामिल किया गया। उन्होंने बैंगलोर के लिए कई उपयोगी पारियां खेली, लेकिन बुधवार को उन्होंने जो पारी खेली, उसे लोग हमेशा याद करेंगे।
'रजत पाटीदार टीम के संकटमोचन हैं'
यह पहली बार नहीं है कि पाटीदार ने दबाव में इस तरह की पारी खेली है। इससे पहले भी वह घरेलू क्रिकेट में ऐसा कारनामा कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए रजत पाटीदार ने कई मौके पर टीम को संकट से निकाला है। इसलिए टीम में उन्हें संकटमोचन के नाम से जाना जाता है।
उनके शानदार प्रदर्शन को देख मध्य प्रदेश टीम के उनके साथी ईश्वर पांडे ने बताया कि रजत टीम के संकटमोचन (हनुमान) हैं। उन्होंने पहले भी इस तरह की पारी खेली है, लेकिन ये सब टीवी पर नहीं आई और लोगों को उनके बारे में भी पता नहीं था। अब जब उन्होंने बड़ा स्कोर बनाया है, तो वह निश्चित रूप से बैंगलोर के लिए हनुमान बन गए हैं।
ईश्वर पांडे ने आगे कहा, जिस तरह से रणजी ट्रॉफी में बंगाल के खिलाफ खेलते हुए पाटीदार ने मोहम्मद शमी और डिंडा पर प्रहार किया था, उससे टीम के साथियों को यकीन हो गया था वह अपने लिए कुछ बड़ा करेंगे। रजत पाटीदार एक व्यवसायी परिवार से संबंध रखते हैं। उनका परिवार चाहता था कि वह पिता के व्यवसाय की देखभाल करें। लेकिन पाटीदार के सपने बड़े थे।