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हितों के टकराव मुद्दे पर जमकर बरसे रवि शास्त्री, बोले- 'यह बकवास है इसे कूड़े में फेंक देना चाहिए'

रवि शास्त्री हितों के टकराव मुद्दे पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने कहा वह इसी कारण से आईपीएल में कमेंट्री या मेंटर नहीं बन पा रहे हैं।

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Justin Joseph
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Ravi Shastri

Ravi Shastri ( Image Credit: Twitter)

विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बयानों में मतभेद के बाद से भारतीय क्रिकेट का माहौल काफी गर्म है। कई पूर्व क्रिकेटर और विशेषज्ञ इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं और कई दे रहे हैं। इस बीच भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट में हितों के टकराव को लेकर बयान दिया है।

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हितों के टकराव मुद्दे को लेकर क्या कहा रवि शास्त्री ने

रवि शास्त्री हितों के टकराव मुद्दे पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने कहा कि वह इसी कारण से आईपीएल में कमेंट्री नहीं कर पा रहे हैं या मेंटर नहीं बन पा रहे हैं। उन्होंने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि वह एक कमेंटेटर के रूप में काम करते हैं और दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच भी हैं।

शास्त्री ने इंडियन एक्सप्रेस ई अड्डा से कहा, 'हितों का टकराव नियम बकवास है। इसे कूड़े में फेंक देना चाहिए। भारतीय टीम के साथ काम करने वाला आईपीएल टीम के साथ काम नहीं कर सकता। अगर मैं भारत का कोच हूं तो मुझे कमेंट्री करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, यह हितों का टकराव कैसा है?'

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उन्होंने कहा कि हितों के टकराव जैसे नियम सचिन तेंदुलकर जैसी हस्तियों को भारतीय क्रिकेट में हिस्सेदारी करने से रोक रहे हैं। दूसरे देश का कोच आईपीएल में आ सकता है और कोच हो सकता है, लेकिन आप अपने खिलाड़ियों को अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह बिल्कुल बकवास है। हितों के टकराव के इस नियम को कूड़े में फेंक दिया जाना चाहिए।

अभी जमीनी स्तर कोचिग करना चाहते हैं शास्त्री

रवि शास्त्री ने खुलासा किया कि वह सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण नौकरी छोड़ना चाहते थे। भविष्य की योजनाओं को लेकर पूछे जाने पर रवि शास्त्री ने कहा कि वह अभी-अभी बायो बबल से बाहर आए हैं। उनकी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि उन्हें जो पसंद है, जैसे टीवी और मीडिया, वह बाद में उसमें वापसी करना चाहते हैं। वह अभी जमीनी स्तर पर कोचिंग करना चाहते हैं।

अंत में उन्होंने कहा कि राजनेताओं ने भारत में क्रिकेट को प्रशासित करने में एक उत्कृष्ट काम किया है। बीसीसीआई पिछले 40 वर्षों में सबसे कुशल बोर्डों में से एक है।

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