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रवि शास्त्री का बड़ा खुलासा, कहा- कोशिश की गई कि मैं टीम इंडिया का मुख्य कोच न बन सकूं

टी-20 विश्व कप 2021 के बाद भारत के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया।

Ravi Shastri
Ravi Shastri ( Image Credit: Twitter)

यूएई में समाप्त हुए टी-20 विश्व कप 2021 के बाद रवि शास्त्री का भारत के मुख्य कोच के रूप में कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद राहुल द्रविड़ को भारत का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया, जिनकी अगुवाई में हाल ही में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में क्लीन स्वीप किया और टेस्ट सीरीज 1-0 से अपने नाम किया। वहीं अब भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग थे, जिन्होंने कोशिश की कि मैं मुख्य कोच न बन सकूं।

अनिल कुंबले के बाद संभाला पदभार

रवि शास्त्री ने 2017 में अनिल कुंबले के बाद भारत के मुख्य कोच का पदभार संभाला। कुंबले ने विराट कोहली के साथ कथित विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया था। 2019 में रवि शास्त्री को फिर से टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। हालांकि यूएई और ओमान में हुए टी-20 विश्व में भारत के जल्द ही बाहर होने के साथ ही उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम सुपर-12 चरण से आगे नहीं जा सकी।

कोशिश की गई कि मुख्य कोच की नौकरी न मिले

इस बीच रवि शास्त्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मैं सामान्य रूप से किसी पर कोई उंगली नहीं उठा रहा हूं। खासकर विशेष लोगों पर। हां मैं यह कहूंगा कि यह प्रयास किया गया कि मुझे मु्ख्य कोच की नौकरी न मिले। लेकिन यही जिंदगी है।

उन्होंने आगे कहा वे भरत अरुण को गेंदबाजी कोच के रूप में नहीं चाहते थे। और यह देखते हुए कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं गेंदबाजी कोच के रूप में जिस व्यक्ति को नहीं चाहते थे, वह देश में अब तक के सबसे बेहतरीन गेंदबाजी कोच रहे।

भरत अरुण के अंडर में भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे घातक तेज गेंदबाजी आक्रमण को विकसित किया। जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और मोहम्मद शमी ने न केवल भारत के घरेलू मैदान पर बल्कि कठिन विदेशी परिस्थितियों में भी जीत दिलाने में मदद की है।

शास्त्री के कार्यकाल में भारत टेस्ट में टॉप पर पहुंचा

रवि शास्त्री ने कहा कि कई बार मैंने सोचा कि मैं इस मुख्य कोच की भूमिका निभाने में गलती कर रहा था, क्योंकि मैं ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन यही नियती थी। भारतीय क्रिकेट 2012 और 2014 के बीच लगातार विदेशी हार के बाद अच्छी स्थिति में नहीं था। वे सभी प्रारूपों में रैंकिंग में पीछे चल रहे थे।

हालांकि रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारत भले ही आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सका, लेकिन भारत टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर पहुंचा और कई द्विपक्षीय सीरीज भी जीती।

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