भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि जसप्रीत बुमराह भारत में टेस्ट डेब्यू करें, बल्कि बुमराह दक्षिण अफ्रीका में इस फॉर्मेट में कदम रखे। 26 वर्षीय जसप्रीत बुमराह ने 2016 में सीमित ओवरों के क्रिकेट में डेब्यू किया, लेकिन टेस्ट प्रारूप खेलने में उन्हें 2 साल का समय लग गया।
साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवा दिया। केपटाउन और सेंचुरियन में हारने के बाद मेहमान टीम ने जोहान्सबर्ग टेस्ट में जीत हासिल की थी। हालांकि बुमराह का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने का फैसला उल्टा नहीं पड़ा।
पिछले दौरे पर बुमराह ने अच्छा प्रदर्शन किया
जसप्रीत बुमराह 2018 में दौरे पर टेस्ट सीरीज में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए एक पांच विकेट के साथ सीरीज में 14 विकेट लिए थे। रवि शास्त्री जो दौरे से चार महीने पहले भारत के मुख्य कोच बने थे, वह बुमराह के लंबे फार्मेट में खेलने को लेकर बात करने में स्पष्ट थे।
रवि शास्त्री ने कहा, 'वह जानते थे। मैंने भरत अरुण को फोन किया और कहा कि तैयार हो जाओ। हो सकता है कि आपको बस कॉल अप मिले। मैंने विराट कोहली से बात की। चयनकर्ताओं से बात की। मैंने कहा कि भारत में नहीं, बुमराह को भारत में 15 में भी मत लाना। उसे सीधे दक्षिण अफ्रीका ले जाएं और मैं केपटाउन आ रहा हूं।'
बुमराह को चोट की परेशानियों से गुजरना पड़ा है
पिछले चार वर्षों में जसप्रीत बुमराह को काफी चोटों की परेशानियों से गुजरना पड़ा है, जिसके कारण वह अधिकतर बाहर रहे हैं। बुमराह ने अब तक 24 टेस्ट में दो बार चार विकेट और 6 बार पांच विकेट लेने के साथ 101 विकेट लिए हैं।
साल 2019 में बुमराह ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लिया और ऐसा करने वाले भारत के तीसरे गेंदबाज बने। उनसे पहले हरभजन सिंह और इरफान पठान टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक ले चुके हैं। जमैका में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2019-21 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मैच के दौरान बुमराह ने यह उपलब्धि हासिल की।
इसके साथ ही बुमराह ने 67 वनडे और 55 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने कुल 174 विकेट लिए हैं। इसके अलावा वह इंडियन टी-20 लीग में मुंबई के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं।