स्पिनर रविचंद्रन अश्विन न्यूजीलैंड के खिलाफ समाप्त हुए कानपुर टेस्ट के दौरान टेस्ट मैचों में भारत के तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने हैं। अश्विन ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह के 417 विकेट को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। रविचंद्रन अश्विन ने यह कारनामा 80वें टेस्ट मैच में किया, जबकि हरभजन सिंह ने 103 टेस्ट में यह मुकाम हासिल किया था।
पता नहीं था कि टेस्ट खेलना जारी रखूंगा
रविचंद्रन अश्विन ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और तब से उन्होंने टेस्ट मैचों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। इस बीच अश्विन ने टीम के साथी श्रेयस अय्यर के साथ बीसीसीआई की वेबसाइट के लिए बातचीत में बड़ा खुलासा किया है। अश्विन ने बताया कि उन्हें डर था कि पिछले साल कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पायेंगे।
अश्विन ने कहा, 'पिछले दो वर्षों में मेरे जीवन और करियर में क्या हो रहा था, इस बारे में कुछ पता नहीं था कि क्या मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। मैंने क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी 2020 से शुरू हुआ आखिरी टेस्ट नहीं खेला था। मैं दोराहे पर खड़ा था और सोच रहा था कि क्या मैं दोबारा टेस्ट खेलूंगा या नहीं। मेरा भविष्य क्या है। क्या मैं टेस्ट टीम में शामिल हो सकता हूं। लेकिन भगवान दयालु है और मैं चीजों को बदलने में सक्षम हुआ।
35 वर्षीय ने यह भी खुलासा किया कि इंडियन टी-20 लीग 2020 संस्करण में दिल्ली के साथ उन्हें अपना आत्मविश्वास वापस पाने में मदद मिली। उन्होंने आगे कहा, मैं तब दिल्ली टीम में चला गया था, जब श्रेयस अय्यर कप्तान थे और तब से चीजें बदल गईं।
हरभजन सिंह से मिली प्रेरणा
अश्विन ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की घरेलू सीरीज में हरभजन सिंह की गेंदबाजी ने उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा जब हरभजन सिंह ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार स्पेल किया, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी दिन उनकी तरह गेंदबाजी कर पाऊंगा। लेकिन उनसे प्रेरित होकर मैंने गेंदबाजी की और मैं यहां हूं। मुझे प्रेरित करने के लिए धन्यवाद भज्जी पा।