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Ravichandran Ashwin ( Image Credit: Twitter)
भारतीय टीम में वापसी करने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 2018-2020 के कठिन समय को याद करते हुए कहा कि इस समय उनको कई बार क्रिकेट से संन्यास लेने के विचार आये। 2017 में विवाद के कारण रविचंद्रन अश्विन भारत के वनडे और टीट-20 टीमों का हिस्सा नहीं थे और कई मौकों पर उन्हें टेस्ट मैचों में भी शामिल नहीं किया गया। इसके अलावा नियमित अंतराल पर चोट लगने से भी उनके लिए चीजें आसानी नहीं हुई।
अश्विन ने कहा कि चोटों के कारण अपने करियर के कठिन दौर से गुजरने के दौरान उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा, 'मैंने कई कारणों से संन्यास के बारे में सोचा। मुझे लगा कि लोग मेरी चोटों के प्रति पर्याप्त संवेदनशील नहीं थे। मुझे लगा कि जब बहुत सारे लोगों को समर्थन मिला, तो मुझे क्यों नहीं? मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।'
रविचंद्रन अश्विन ने बताया पत्नी ने किया समर्थन
अश्विन ने क्रिकेट मंथली पर कहा कि वे आमतौर पर मदद की तलाश में नहीं रहे कि किसी को उनको समर्थन करने की जरूरत है या किसी को उनको सहानुभूति देने की जरूरत है। उन्हें लगा कि वह सर्वश्रेष्ठ नहीं हो पा रहा थे और इसिलए उन्हें संन्यास लेने के बारे में विचार आया ।
अश्विन ने 2018-19 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें एडिलेड टेस्ट के दौरान ग्रेड 3 पेट की मांसपेशियों में तकलीफ हुई। यह उन कई चरणों में से एक था, जब अश्विन को खेल से पीछे हटने का मन हुआ।
उन्होंने कहा, '2018 में इंग्लैंड सीरीज के बाद, साउथेम्प्टन के बाद, एक चरण था। फिर उस वर्ष के अंत में ऑस्ट्रेलिया में, जहां मैंने सिडनी के पहले और बाद में एडिलेड टेस्ट के बाद चोटिल हुआ। ऐसे कई चरण आये, जहां मैं जिस एकमात्र व्यक्ति से बात कर रहा था, वह मेरी पत्नी थी। लेकिन मेरे पिता बहुत परेशान थे।
अपने करियर के कठिन दौर से गुजरने के बाद 2021 में अश्विन का समय बदला। उन्होंने चार साल बाद टी-20 विश्व कप 2021 में सीमित ओवरों के क्रिकेट में वापसी की। वह न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भी प्रभावशाली थे।