इंडियन टी-20 लीग में अगले साल दो नई टीमें भी खेलेंगी, जिनके लिए बोली लग चुकी। नीलामी में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी को सीवीसी कैपिटल ने 5625 करोड़ रुपये में खरीदा था, वहां 7090 करोड़ रुपये में लखनऊ फ्रेंचाइजी का मालिक संजीव गोयनका की अगुवाई वाला आरपीएसजी ग्रुप बना था। बीसीसीआई ने आरपीएसजी ग्रुप को तो क्लीयरेंस दे दिया था, लेकिन सीवीसी कैपिटल को बोर्ड की तरफ से अनुमति नहीं मिली थी।
सीवीसी कैपिटल को मिली क्लीन चिट
दरअसल, सीवीसी कैपिटल के ऊपर सट्टेबाजी से जुड़े होने का आरोप लगा था और सट्टेबाजी भारत में अवैध है। भारत के बाहर सट्टेबाजी कंपनियों में सीवीसी के कथित निवेश की जांच के लिए बीसीसीआई द्वारा एक बाहरी पैनल नियुक्त करने के बाद सीवीसी कैपिटल्स पर निर्णय लंबित था। क्रिकबज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन टी-20 लीग गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई ने अमेरिकी कंपनी की भागीदारी को मंजूरी दे दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 26 दिसंबर को बोर्ड और गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर दोनों की गहन बातचीत हुई। अधिकारियों ने अमेरिकी कंपनी को क्लीन चिट दे दी है, जिसका आधिकारिक ऐलान कुछ ही दिनों में कर दिया जाएगा। इसी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि गवर्निंग काउंसिल ने इंडियन टी-20 लीग 2022 के मेगा ऑक्शन की तारीख पर मुहर लगा दी है।
खबरों के मुताबिक, अगले सीजन के लिए होने वाली मेगा नीलामी 12 और 13 फरवरी 2022 को बेंगलुरु में आयोजित की जा सकती है। इसके अलावा बोर्ड को नए मीडिया राइट्स के लिए भी नीलामी करवानी है, जिसके लिए केपीएमजी को नियुक्त किया जा सकता है। लीग के 2023 संस्करण से शुरू होने वाले नए मीडिया राइट्स के लिए बोर्ड को अभी यह तय करना बाकी है कि मीडिया अधिकारों के लिए बंद बोली लगाई जाए या ई-नीलामी की जाए।
दो नई टीमों ने अभी तक नीलामी के बाहर साइन किए गए खिलाड़ियों की सूची जमा नहीं की है। इस घोषणा की पहली समय सीमा 25 दिसंबर थी, जो पहले ही समाप्त हो चुकी है। बोर्ड अगले कुछ दिनों में दूसरी समय सीमा की घोषणा कर सकता है। बोर्ड के पास जरूरत पड़ने पर दो नई कंपनियों पर दूसरा ड्यू डिलिजेंस पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय भी है।