भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना ऐतिहासिक 1000वां वनडे मैच खेलने जा रही है। वह 6 फरवरी को अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के साथ भिड़ेगी। भारत ने अब तक 518 वनडे मैचों में जीत हासिल की है। वहीं भारत की इस उपलब्धि पर सचिन तेंदुलकर काफी उत्साहित हैं और उन्होंने वनडे प्रारूप के भविष्य के बारे में बात की।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 463 वनडे मैचों में प्रतिनिधित्व किया है। वास्तव में सचिन तेंदुलकर 200वें, 300वें, 400वें, 500वें, 600वें 700वें और 800वें वनडे मैचों का हिस्सा थे। वनडे प्रारूप के बारे में बात करते हुए सचिन ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेट नहीं देख सकी है।
वनडे प्रारूप के तत्वों से छेड़छाड़ की गई
उन्होंने कहा कि वनडे में शुरुआती दिनों में गेंदबाजों की बड़ी भूमिका होती थी। उन्होंने वनडे के कई तत्वों के बारे में भी बताया, जो अब बदल गए हैं। सचिन ने कहा कि वनडे क्रिकेट में (बल्ले और गेंद के बीच) अधिक संतुलन की जरूरत है। पहले इसे दिलचस्प बनाए रखने के लिए सभी तत्व मौजूद थे।
सचिन तेंदुलकर ने कहा, शुरुआती दिनों में गेंदबाज की एक बड़ी भूमिका थी। रिवर्स स्विंग था, पिचों को चुनना मुश्किल था। मुझे नहीं लगता कि यह अपनी प्रासंगिकता खो रहा है, लेकिन इन सभी तत्वों के साथ छेड़छाड़ की गई है जो इसे दिलचस्प बनाए रखने के लिए पहले से मौजूद थे।
वर्तमान पीढ़ी ने वनडे का रोमांच अनुभव नहीं किया
उन्होंने आगे कहा, 'जो कोई भी प्रभारी है, क्रिकेट समिति या आईसीसी ने इन सभी तत्वों को बदलने का फैसला किया। दर्शकों में एकदिवसीय क्रिकेट की देखने की भूख है। लेकिन, हर पीढ़ी के ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्होंने कभी इसके रोमांच का अनुभव नहीं किया है।'
सचिन तेंदुलकर ने भारत के 1000वें वनडे खेलने के बारे में बात करते हुए कहा कि इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ा है। पिछले और वर्तमान क्रिकेटरों, बोर्ड के सदस्यों, अधिकारियों, प्रशंसकों सभी ने इसमें योगदान दिया है। मैं 1000वां मैच देखने के लिए उत्सुक हूं।