भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में इस समय समय उथल-पुथल मचा हुआ है। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में वहां की जनता खाने से लेकर जरूरी चीजों की कमी से लड़ रही है। इस बीच श्रीलंकाई खिलाड़ियों को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भाग लेने के लिए वित्तीय मदद करने से भी सरकार ने मना कर दिया है।
श्रीलंका क्रिकेट ने की वित्तीय मदद
हालांकि, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ऐसे समय में आगे आया है और कॉमनवेल्थ गेम्स में खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 22 मिलियन श्रीलंकाई रुपये का योगदान दिया है।
श्रीलंका के चीफ डी मिशन डैम्पथ फर्नांडो ने कहा कि, 'यह एक बड़ी राशि है। हमारा देश बहुत छोटा है। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। वर्तमान जैसी संकट की स्थिति में हमें इस बात की सराहना करने की आवश्यकता है कि क्रिकेट बोर्ड ने स्वेच्छा से ओलंपिक संघ की मदद की। यह बहुत ही अनोखा है।'
यह कहते हुए कि कई सीनियर मैनेजर्स साइकिल पर कार्य करने के लिए आते हैं, फर्नांडो ने कहा कि परिवहन एक मुद्दा है। उन्होंने खुलासा किया कि एथलीट, कोच और अन्य अधिकारी भी इसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
फर्नांडो ने कहा कि ऐसा नहीं था कि आपूर्ति नहीं होगा। स्थिति ऐसी थी कि हमारे पास इसे मुक्केबाजों तक ले जाने के लिए ईंधन नहीं था। उन्होंने कहा कि, 'मुझे खेल मंत्रालय की मेडिकल यूनिट में काम करना था। परिवहन एक बड़ा मुद्दा बन गया है, देश में ईंधन नहीं है। इससे हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।'
इस बीच श्रीलंकाई ओलंपिक संघ के महासचिव मैक्सवेल डी सिल्वा पर कुछ लोगों ने हमला किया और उनकी कार चोरी कर ली। डी सिल्वा ने कहा कि, 'मैंने बाद में इसे (कार) वापस ले लिया। मुझे नहीं पता कि हमला राजनीति से प्रेरित था या खेल के कारण, पुलिस जांच कर रही है।'