भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस मैच में भारतीय टीम जीत से सिर्फ एक विकेट दूर रह गयी थी। न्यूजीलैंड की ओर से आखिरी विकेट के लिए रचिन रवींद्र और एजाज पटेल ने 52 गेंदों का सामना करते हुए कीवी टीम को मैच ड्रॉ कराने में मदद की।
हालांकि, पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर टेस्ट मैच के आखिरी दिन न्यूजीलैंड टीम की बल्लेबाजी से खुश नजर नहीं आये। उन्होंने न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा कि वे मैच जीतने के लिए नहीं, बल्कि मैच बचाने के लिए खेल रहे थे।
भारत को आक्रमण का मौका मिला
सुनील गावस्कर ने कहा कि आखिरी दिन न्यूजीलैंड के पहले सत्र में शानदार बल्लेबाजी के बाद उनकी खराब बल्लेबाजी ने भारत को मुकाबले में वापस आने में मदद की। दूसरे सत्र में भारत ने विकेट लेना शुरू किया तो दबाव में मेहमान टीम मैच जीतने के लिए नहीं, बल्कि बचाने के लिए खेल रहे थे।
गावस्कर ने कहा कि टॉम लाथम और विलियम सोमेरविले ने न्यूजीलैंड के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया और भारत के कप्तान और कोच के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी। कीवी टीम ने इसके बाद खराब बल्लेबाजी की और भारत को आक्रमण करने का मौका मिल गया।
इस ड्रॉ से फर्क पड़ेगा
उन्होंने कहा कि लंच के समय रहाणे और द्रविड़ चिंतित थे, क्योंकि टॉम लाथम और सोमेरविले ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को अपना सामान्य खेल खेलने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान किया था। फिर बेवजह न्यूजीलैंड ने खराब बल्लेबाजी की और भारतीय कप्तान रहाणे को आक्रमण करने का मिल गया।
गावस्कर ने आगे कहा कि टेस्ट सीरीज के आगे बढ़ने के साथ इस ड्रॉ से फर्क पड़ेगा, क्योंकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे चक्र के फाइनल में दोनों टीमों की जगह दांव पर है। उन्होंने कहा 'इन दोनों फाइनलिस्टों के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह है और इसलिए अंक साझा करने से निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा।'