पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 वर्ल्ड कप विजेता सुनील गावस्कर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। रविवार 26 दिसंबर को उनकी मां मीनल गावस्कर का 95 की उम्र में निधन हो गया। उनकी तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। इंडियन टी-20 लीग के 15वें सीजन के दौरान उनके मां की तबीयत बिगड़ी थी।
यह दुर्भाग्यपूर्ण गावस्कर को तब मिली, जब वे बांग्लादेश और भारत के बीच मीरपुर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे थे। उनकी मां भारत के पूर्व विकेटकीपर और बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्य माधव मंत्री की छोटी बहन थीं।
दुख की घड़ी में भी कमेंट्री कर रहे थे गावस्कर
उन्होंने प्रारंभिक वर्षों में गावस्कर के करियर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण निभाई थी। उनकी मदद से गावस्कर आखिरकार महान क्रिकेटरों में शुमार हुए, क्योंकि उन्होंने टीम इंडिया के लिए बल्ले से कई शानदार पारियां खेली थीं।
बता दें कि उनकी मां सुनील गावस्कर और उनकी बेटियां नूतन और कविता, पोते व परपोते के साथ रह रही थी। इतने कठिन समय में भी गावस्कर ने अपने ड्यूटी को नहीं छोड़ा और भारत बनाम बांग्लादेश के बीच जारी में मुकाबले में कमेंट्री करना जारी रखा।
भारत के महानतम क्रिकेटरों में से एक गावस्कर
गावस्कर की बात करें तो वह अपने जमाने के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार हैं। उन्होंने भारत के लिए 125 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 51.12 की औसत से 10122 रन बनाए हैं। उनके नाम 34 शतक भी, जिसमें दो दोहरे शतक है। इसके अलावा 108 वनडे मैचों में उन्होंने 35.14 की औसत से 3092 रन बनाए। इस दौरान एक शतक और 27 अर्धशतक लगाए।
वह क्रिकेट से संन्यास के बाद प्रोडक्शन का हिस्सा हैं और लंबे समय से कमेंट्री करने नजर आते हैं । दुनिया के हर कोने में आते-जाते रहते हैं। उनके बेटे रोहन गावस्कर का क्रिकेटिंग करियर ज्यादा सफल नहीं रहा। वह भी कमेंट्री कते हुए नजर आते हैं। रोहित अधिकतर घरेलू क्रिकेट में कमेंट्री करते हैं।