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Virat Kohli (Image Credit Twitter)
विराट कोहली के भारतीय टेस्ट कप्तान के पद से इस्तीफे ने पूरे क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी है। भारत के लिए टेस्ट फार्मेट में सबसे सफल कप्तान रहे विराट कोहली ने 15 जनवरी को ट्विटर पर अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। यह फैसला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के 1-2 से सीरीज गंवाने के ठीक एक दिन बाद आया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कोहली ने बीसीसीआई के दबाव में यह फैसला लिया होगा।
बता दें कि इससे पहले दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए टीम चयन के दौरान विराट कोहली को भारत के वनडे कप्तानी से हटा दिया गया था। चूंकि विराट कोहली ने टी-20 कप्तानी छोड़ने के दौरान कहा था कि वह अन्य दो प्रारूपों में भारतीय टीम का नेतृत्व करना जारी रखेंगे। इसलिए रोहित शर्मा के वनडे कप्तान बनाये जाने के बाद मामला सुर्खियों में आ गया।
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमिल ने दी सफाई
इस बीच विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों के बयानों में मतभेद के कारण विवाद और बढ़ गया। इन सभी के कारण प्रशंसकों के एक वर्ग का सोचना है कि कोहली के टेस्ट कप्तानी से हटने के पीछे बीसीसीआई का हाथ है। हालांकि, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने साफ किया है कि बोर्ड ने अनुभवी क्रिकेटर को पद छोड़ने के लिए नहीं कहा था।
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष ने कहा कि विराट कोहली पर बीसीसीआई या चयनकर्ताओं की ओर से पद छोड़ने का कोई दबाव नहीं था। यह उनका निर्णय है और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन वह कप्तान के रूप में और दो से तीन साल तक बने रह सकते थे।
कोहली ने बोर्ड, रवि शास्त्री और धोनी का आभार व्यक्त किया
कल अपने फैसले की घोषणा करते हुए कोहली ने बीसीसीआई को उन्हें टीम की अगुवाई करने का मौका देने के लिए धन्यवाद दिया। इसके अलावा विराट ने पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री और पूर्व कप्तान एमएस धोनी के प्रति भी उनके क्रिकेट सफर में साथ देने के लिए आभार व्यक्त किया।