भारत ने इंग्लैंड को पराजित कर अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 का खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया के लिए कई खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ा, जिससे उन्होंने सुर्खियां भी बटोरी। इन्हीं में से एक हरफनमौला खिलाड़ी राज अंगद बावा हैं, जिन्होंने भारतीय टीम के लिए बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया। अब हम आपको राज बावा और उनके परिवार का खेलों से जुड़ाव बताने जा रहे हैं।
राज बावा के दादा भारतीय हॉकी टीम से खेल चुके हैं
राज बावा का परिवार भारतीय खेल से कई सालों से जुड़ा रहा है। राज के दादाजी त्रिलोचन सिंह बावा ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ 1948 के लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद 1952 में उन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान भी बनाया गया। खेलों से संन्यास के बाद त्रिलोचन सिंह बावा ने पुलिस सेवा से खुद को जोड़ लिया और एसएसपी के पद से रिटायर हुए।
वहीं, त्रिलोचन के बेटे और राज के पिता सुखविंदर सिंह बावा स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के सीनियर क्रिकेट कोच हैं। उन्होंने युवराज सिंह, दिनेश मोंगिया समेत कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को कोचिंग दी है। सुखविंदर ने ही अपने बेटे को क्रिकेट में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया था, जब किशोरावस्था में उन्होंने राज को क्रिकेट के प्रति इच्छुक पाया।
सुखविंदर ने बताया कि चंडीगढ़ में अभ्यास करने के दौरान राज ने युवराज सिंह को देखा, जिससे वे काफी प्रभावित हुए। युवी को देखकर ही युवा राज ने बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने का फैसला किया। साथ ही राज और युवराज के बीच 12 का भी अजब संयोग है, जहां दोनों खिलाड़ी इसी नंबर की जर्सी पहनते हैं।
अगर हम राज अंगद बावा के अब तक करियर पर नजर डालें तो वे बाएं हाथ से बल्लेबाजी और दाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं। राज ने एशिया कप सहित कई टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर भारतीय अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में अपनी जगह बनाई, जहां उन्होंने भारत के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाया और फाइनल में पांच विकेट भी झटके। इसके साथ ही राज किसी आईसीसी टूर्नामेंट में 150+ रन और पांच विकेट लेने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय हैं।