इंग्लैंड के ऑलराउंडर और स्टार खिलाड़ी बेन स्टोक्स के 31 साल की उम्र में वनडे क्रिकेट से संन्यास ने इस फॉर्मेट को लेकर बहस फिर से शुरू कर दी है। स्टोक्स ने खिलाड़ियों पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मांगों पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारी खिलाड़ियों के साथ 'कार' जैसा व्यवहार नहीं कर सकते। इसका मतलब यह था कि खिलाड़ी कोई कार नहीं है कि आप उनमें पेट्रोल डाले और वह चलने लगे। खिलाड़ियों के शरीर का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।
वनडे क्रिकेट पर लगातार बहस चल रही है और इसी बीच ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट दिग्गज उस्मान ख्वाजा ने भी वनडे क्रिकेट के भविष्य पर संदेह जताते हुए कहा है कि 50 ओवर के इस फॉर्मेट की धीरे-धीरे मौत हो रही है।
ख्वाजा ने दिया बड़ा बयान
ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि, "अगर अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर से किसी क्रिकेट को हटाने की बात आएगी तो वह बेशक 50 ओवर के मैच होंगे।"
उन्होंने अपनी बात भी रखी और कहा कि, "मेरी अपनी निजी राय, मुझे पता है कि कुछ लोग मेरे जैसे समान सोच रखते हैं। आपके पास टेस्ट क्रिकेट है, जो अभी शिखर पर चल रहा है। आपके पास टी-20 क्रिकेट है, जिसे लेकर दुनिया भर में लीग है और यह सभी को पसंद है लेकिन फिर आता है वनडे क्रिकेट।"
उन्होंने आगे कहा कि, "मुझे लगता है कि तीनों फॉर्मेट में से सबसे नीचे वनडे क्रिकेट आएगा। मुझे यकीन है कि वनडे क्रिकेट धीरे- धीरे खत्म हो जाएगा। लेकिन अभी भी वर्ल्ड कप है, जो मुझे लगता है कि वास्तव में मजेदार है और उसे देखना रोमांचक भी लगता है। हालांकि, मैं खुद भी व्यक्तिगत रूप से शायद वनडे क्रिकेट में उतना शामिल नहीं हूं।"
ख्वाजा ने आखिरी बार साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के लिए लिमिटेड ओवरों का खेल खेला था। उन्होंने आखरी बार मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में अंतरराष्ट्रीय वनडे वर्ल्ड कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था।
ख्वाजा को टेस्ट क्रिकेट से है बड़ी उम्मीद
ख्वाजा को लगता है की टेस्ट क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल हैं और उन्हें लगता है कि खेल के पारंपरिक फॉर्मेट को कोई खतरा नहीं है। उनका यह भी मानना है कि टेस्ट और टी-20 क्रिकेट आगी भी रह सकते हैं लेकिन वनडे खत्म हो जाएगा।