वेंकटेश प्रसाद ने भारतीय बोर्ड पर लगाया 'पक्षपात' का आरोप, KL Rahul के फ्लॉप शो के बावजूद मिल रहे मौके पर जमकर बरसे

भारत के पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने 11 फरवरी को केएल राहुल को लेकर एक ट्वीट किया और भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर पक्षपात का आरोप लगाया।

author-image
Justin Joseph
New Update
वेंकटेश प्रसाद ने भारतीय बोर्ड पर लगाया 'पक्षपात' का आरोप, KL Rahul के फ्लॉप शो के बावजूद मिल रहे मौके पर जमकर बरसे

टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 132 रनों से करारी शिकस्त दी। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह एक शर्मनाक हार है। भारतीय गेंदबाजों के सामने वे पूरी तरह असहज दिखे और विफल रहे, खासकर दूसरी पारी में। हालांकि, केएल राहुल के लिए बल्ले से मुकाबला कुछ खास नहीं रहा।

Advertisment

भारतीय बल्लेबाज 71 गेंदों का सामना करने के बाद 20 रन बनाकर आउट हुए, जिसमें सिर्फ एक चौका शामिल है। फैन्स उनके इस तरह के प्रदर्शन से बेहद नाराज दिखे। मैच से पहले फैन्स चाहते थे कि राहुल की जगह शुभमन गिल को खिलाया जाए, लेकिन टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा दिखाया और उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया।

भारत के पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने शनिवार 11 फरवरी को केएल राहुल को लेकर एक ट्वीट किया और भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर पक्षपात का आरोप लगाया। वेंकटेश प्रसाद के इस ट्वीट से क्रिकेट जगत में बवाल मच गया और यह देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

जानें वेंकटेश प्रसाद ने क्या-क्या आरोप लगाए

वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'केएल राहुल की प्रतिभा और क्षमता के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन दुख की बात है कि उनका प्रदर्शन काफी लो रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट में 8 साल से ज्यादा समय और 46 टेस्ट के बाद 34 का औसत सामान्य है। बहुत से ऐसे लोगों के बारे में नहीं सोच सकते, जिन्हें इतने मौके दिए गए हैं। जब विंग्स और टॉप फॉर्म में इतने वेटिंग हैं।'

Advertisment

शुभमन गिल शानदार फॉर्म में हैं, सरफराज फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक बना रहे हैं। और कई ऐसे हैं जो राहुल से पहले एक मौके के हकदार हैं। कुछ भाग्यशाली हैं कि उन्हें सफल होने तक एंडलेस मौके दिए जाते हैं, जबकि कुछ को इसकी अनुमति नहीं होती है।

पूर्व क्रिकेटर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, और मामले को बदतर बनाने के लिए राहुल उप-कप्तान हैं। अश्विन के पास एक ग्रेट क्रिकेटिंग ब्रेन है और उन्हें टेस्ट प्रारूप में उप-कप्तान होना चाहिए। अगर वह नहीं होते तो वह पुजारा या जडेजा होने चाहिए। राहुल की अपेक्षा में मयंक अग्रवाल का टेस्ट में काफी बेहतर प्रभाव है और विहारी का भी।

आज के युग में अधिकांश लोग हां में हां मिलाने वाले

उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, राहुल का चयन प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि पक्षपात के आधार पर हुआ है। वह लगातार विफल रहे हैं और किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो लगभग 8 वर्षों से है, क्षमता को प्रदर्शन में परिवर्तित नहीं कर पाया है।

Advertisment

उन्होंने कहा, इस तरह के पक्षपात को देखने के बावजूद कई पूर्व क्रिकेटरों के मुखर नहीं होने का एक कारण.. क्या इंडियन टी-20 लीग गिग्स हारने की संभावना है। वे किसी फ्रेंचाइजी के कप्तान को गलत तरीके से रगड़ना नहीं चाहेंगे, क्योंकि आज के युग में अधिकांश लोग हां में हां मिलाने वाले और अंधे अनुनायियों को पसंद करते हैं। अक्सर शुभचिंतक अच्छे आलोचक होते हैं, लेकिन समय बदल गया है और लोग सच नहीं बोलते।

General News India Cricket News Australia Test cricket KL Rahul IND vs AUS India vs Australia 2023