भारतीय टीम के सीनियर और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली फिलहाल खराब फॉर्म के कारण आलोचकों के निशाने पर हैं। उनके बल्ले से साल 2019 से एक भी शतक नहीं आया है जो उनके लिए और उनके फैंस के लिए चिंता का विषय है। इंग्लैंड में खराब फॉर्म में रहने के बाद कोहली ने खुद को आराम दिया है और वह अपनी पत्नी और परिवार के साथ इंग्लैंड में छुट्टियाँ मना रहे हैं। विराट कोहली अगस्त में शुरू होने वाले एशिया कप टूर्नामेंट में टीम से जुड़े होंगे। वह वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे दौरे पर भी टीम से ब्रेक पर हैं।
आकाश चोपड़ा ने दी अपनी राय
वहीं, पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे के दौरान पूर्व कप्तान विराट कोहली को आराम देने के फैसले को लेकर थोड़े असहमत हैं। चोपड़ा का मानना है कि एशिया कप से पहले के कुछ मैच उनके लिए बेहद फायदेमंद रहेंगे।
चोपड़ा ने बताया कि हर समय खेल में फॉर्म बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है, सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों को भी इससे काफी मदद मिली है। उनका मानना है कि भारतीय टीम अब आक्रामक तरीके से खेलने की कोशिश कर रही हैं जिसमें प्लेयर्स को क्रीज पर आते ही बड़े- बड़े शॉट्स लगाने पड़ेंगे। और कोहली अभी टीम से बाहर हैं तो वह इस आक्रामक अंदाज को इतनी जल्द अपना नहीं पाएंगे।
चोपड़ा ने यूट्यूब चैनल में बातचीत करते हुए कहा कि, "समस्या यह है कि आपको लोगों को विराट के नंबरों की याद दिलाने की जरूरत है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने बहुत कम मैच खेला है और ज्यादा मैच मिस किए हैं। रोहित और सूर्यकुमार भी हर मैच में स्कोर नहीं करेंगे। लेकिन वे लगातार खेलते हैं, इसलिए हमें उनकी अच्छी पारियाँ याद रहती है। इसमें कोई शक नहीं कि विराट वापस टीम में आएंगे। लेकिन मेरे ख्याल से उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ कम से कम वनडे या टी-20 मैच खेलना चाहिए था।"
इन खिलाड़ियों का भी लिया नाम
चोपड़ा का यह भी मानना है कि आगामी एशिया कप और टी-20 वर्ल्ड कप जैसी बड़ी टूर्नामेंट के लिए सूर्यकुमार यादव को वापस चौथे नंबर पर टीम में रखा जाना चाहिए। उन्हें लगता है कि यादव बीच के ओवरों में गेंदबाजों का अच्छा सामना कर सकते हैं। चोपड़ा इस बात से हैरान है कि टीम प्रबंधन ने सूर्यकुमार को ओपनिंग स्लॉट में क्यों लाया।
उन्होंने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन डीके या हार्दिक को टॉप पर क्यों नहीं भेजते? क्योंकि वह अपने रोल के हिसाब से खेलेंगे, फिर सूर्यकुमार यादव के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा?