इंटरनेशनल टी-20 कप में नामीबिया के खिलाफ आखिरी लीग मैच के बाद भारत के टी-20 कप्तान के रूप में विराट कोहली का कार्यकाल समाप्त हो गया। टूर्नामेंट में भारत के शुरुआती मुकाबले हारने के बाद विराट कोहली के कप्तानी को लेकर सवाल उठने लगे और यह भी कहा जाने लगा कि टी-20 में कप्तानी छोड़ने के बाद उन्हें टीम में भी जगह नहीं मिलेगी। इसी क्रम में वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टी-20 टीम में कोहली की जगह पर सवाल उठाना गलत होगा।
सहवाग ने कहा कोहली की जगह पर सवाल उठाना गलत
विराट कोहली ने यूएई में टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले ही अपने इस फैसले का ऐलान किया था, जिसमें उन्होंने कहा था वे अपने खेल पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए एक प्रारूप में कप्तानी छोड़ रहे। टूर्नामेंट में बतौर टी-20 कप्तान उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया। हालांकि भारत शुरुआती मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और नतीजतन वह टूर्नामेंट से बाहर हो गयी।
टीम के खराब प्रदर्शन पर कप्तान कोहली को लेकर सवाल उठने लगे। इसी क्रम में पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टी-20 टीम में कोहली की जगह पर सवाल उठाना गलत होगा। क्रिकबज से बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि कितने ही युवा आये, लेकिन दूसरा विराट कोहली नहीं होगा। वह निरंतर बल्ले के साथ प्रदर्शन करते हैं। इस मौजूदा टी-20 टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाना सही नहीं होगा। वह जब तक चाहें तब तक टी-20 खेलना जारी रखेंगे।
कोहली से बेहतर बल्लेबाजी में कोई स्थिरता नहीं देगा
इस दौरान पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने भी सहवाग की बातों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी क्रम में 3 नंबर पर विराट कोहली जो मजबूती और स्थिरता भारतीय टीम को देते हैं, वह कोई और नहीं दे सकता है। नेहरा का मानना है कि टीम में अनुभव और युवाओं का संयोजन भी होना चाहिए। आशीष नेहरा ने कहा विराट कोहली से बेहतर आपको बल्लेबाजी इकाई में कोई स्थिरता नहीं देगा। आप अपनी बल्लेबाजी इकाई को केवल पावर-हिटर्स के साथ लोड नहीं कर सकते, आपको अनुभव और युवाओं के संयोजन की आवश्यकता है।
कोहली के बारे में बात करें तो वह केवल 87 पारियों में 3227 रन के साथ दुनिया भर में टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। कोहली का 52.05 का औसत और 131.91 का स्ट्राइक रेट उनके बल्लेबाजी प्रतिभा को दर्शाता है। हालांकि कोहली अपनी नेतृत्व में भारत और आरसीबी को एक भी ट्रॉफी नहीं दिला पाये। इसके बावजूद जिस तरह से उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया है, भविष्य में सम्मान के रूप में देखा जायेगा।