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नवजात बेटी के अंतिम संस्कार से लौटने के बाद बड़ौदा के इस क्रिकेटर ने रणजी मैच में लगाया शतक

बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी ने अपनी नवजात बेटी के निधन के बाद भी खेलने का फैसला किया और अपनी टीम के लिए शतक लगाया।

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Justin Joseph
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Vishnu Solanki )Image source: Twitter)

Vishnu Solanki )Image source: Twitter)

रणजी ट्रॉफी 2021-22 के मौजूदा सीजन में बड़ौदा और चंडीगढ़ के बीच एलीट ग्रुप बी मैच के दौरान प्रशंसक, क्रिकेटर और स्टेडियम में मौजूद सभी लोग बेहद इमोशनल मोमेंट का हिस्सा बने। बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी ने अपनी नवजात बेटी के निधन के बाद भी खेलने का फैसला किया और अपनी टीम के लिए शतक लगाया। यकीनन यह विष्णु सोलंकी के परिवार के लिए भावुक करने वाला पल होगा।

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मैच से कुछ दिन पहले नवजात बेटी का निधन

दरअसल मैच से कुछ दिन पहले विष्णु सोलंकी के घर बेटी ने जन्म लिया था और उस नवजात का निधन हो गया। इससे सोलंकी और उनका परिवार सदमे में आ गया। हालांकि सोलंकी ने रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला किया और बड़ौदा की टीम को ज्वाइन किया। पहला मैच चंडीगढ़ और बड़ौदा के बीच हुआ। इस मैच में विष्णु सोलंकी ने सनसनीखेज पारी खेली।

बड़ौदा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और चंडीगढ़ को सिर्फ 168 रनों पर समेट दिया। दूसरी पारी के दौरान जब सोलंकी बल्लेबाजी करने आए तो बड़ौदा की टीम 175 पर 3 विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि सोलंकी ने दूसरे दिन के अंतिम सत्र में शानदार शतक लगाया।

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अंतिम संस्कार के बाद वापस खेलने लोटे

विष्णु सोलंकी ने अपनी 104 रन की पारी में 165 गेंदों का सामना किया और 12 चौके लगाए। उन्हें सलामी बल्लेबाज ज्योत्स्निल सिंह का भरपूर समर्थन मिला। बड़ौदा ने अपनी पहली पारी में 504 रन बनाए। जवाब में वोहरा की अगुवाई वाली टीम बिना विकेट खोए 100 रन बना चुकी है और अब भी बल्लेबाजी कर रही है।

सोलंकी की पारी पर बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ शिशिर हट्टंगडी ने कहा कि एक क्रिकेटर जिसने कुछ दिन पहले अपनी नवजात बेटी को खो दिया। वह अंतिम संस्कार में शामिल होता है और अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए वापस आता है और शतक बनाता है। सोशल मीडिया पर भले ही उनके नाम की चर्चा न हो, लेकिन मेरे लिए विष्णु सोलंकी एक रियल लाइफ के नायक हैं।

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बता दें कि सोलंकी उस समय बंगाल के खेल के लिए भुवनेश्वर में थे जब उनके पास यह दुखद खबर पहुंची। फिर वह अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वापस बड़ौदा पहुंचे और फिर इस मैच के लिए टीम में शामिल होने के लिए वापस आए। उनके इस मानसिक शक्ति के लिए लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी सराहना की।

 

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