भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टी-20 मैच 1 अगस्त को सेंट किट्स के वार्नर पार्क में खेला गया। वेस्टइंडीज ने पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया और भारतीय टीम को 138 रनों के अंदर ऑल आउट कर दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने 19.2 ओवर में लक्ष्य पूरा कर भारत को 5 विकेट से हराया।
भारत की बल्लेबाजी
टॉस हारकर भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी लेकिन विपक्षी गेंदबाजों के सामने भारतीय टीम घुटने टेकते नजर आई। भारतीय टीम सिर्फ 19.4 ओवर में सिर्फ 138 रन बनाकर बिखर गई। टीम के लिए हार्दिक पांड्या ने सबसे ज्यादा 31 रन बनाए।
भारत की पारी की शुरुआत कप्तान रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव ने की। पहला ओवर डालने आए ओबेड मैकॉय ने भारत को पहली ही गेंद पर रोहित शर्मा के रूप में झटका दिया। कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले आउट हो गए हैं। ओबेड मैकॉय की गेंद पर अकील हुसैन ने उनका कैच लिया।
तीसरे ओवर की पहली गेंद पर ओबेड मैकॉय ने भारत को दूसरा झटका सूर्यकुमार यादव के रूप में दिया और सूर्यकुमार छह गेंद पर 11 रन बनाकर लौट गए। भारत को तीसरा झटका पांचवें ओवर की दूसरी गेंद पर लगा। अल्जारी जोसेफ ने श्रेयस अय्यर को आउट किया, अय्यर ने 11 गेंद पर सिर्फ 10 रन बनाए थे। भारत को चौथा झटका सातवें ओवर में लगा। तीसरी गेंद पर अकील हुसैन ने ऋषभ पंत को आउट किया। पंत तेजी से रन बना रहे थे और छक्का मारने के चक्कर में आउट हो गए। उन्होंने 12 गेंद पर 24 रन बनाए थे। टीम इंडिया ने 10 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 75 रन बना लिए थे। इसके बाद भारत की पारी लड़खड़ाती गई और धीरे-धीरे सभी बल्लेबाज वेस्टइंडीज के गेंदबाजों का शिकार होते गए। वेस्टइंडीज की तरफ से मैकॉय ने चार ओवर में 17 रन देकर छह विकेट लिए। मैकॉय ने पहली बार टी-20 के एक मैच में पांच या उससे ज्यादा विकेट लिए। वहीं, जेसन होल्डर ने 2 विकेट लिए।
वेस्टइंडीज ने आसानी से पूरा किया लक्ष्य
139 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम की शुरुआत अच्छी रही। ब्रैंडन किंग और कायल मेयर्स ने पहले विकेट के लिए 46 रन की साझेदारी की। मेयर्स को हार्दिक पांड्या ने पवेलियन भेजा और वह आठ ही रन बना सके। इसके बाद कप्तान निकोलस पूरन (14), शिमरोन हेटमायर (6) कुछ खास नहीं कर सके। इस बीच ब्रैंडन किंग अर्धशतक पूरा कर पवेलियन लौटे। किंग ने 52 गेंदों में आठ चौके और दो छक्के की मदद से 68 रन की पारी खेली। तब तक भारत के लिए काफी देर हो चुकी थी।