न्यूजीलैंड क्रिकेट में नस्लवाद को लेकर रॉस टेलर का खुलासा वायरल होने के ठीक एक दिन बाद, उनकी एक और कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि इस कहानी का किसी नस्लवाद से कोई लेना-देना नहीं है। इस बार कीवी के इस दिग्गज क्रिकेटर ने अपनी आत्मकथा में डक आउट होने की घटनाओं के बारे में बात किया है।
टेलर ने साल 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने वनडे वर्ल्ड कप में डेब्यू से पहले की एक बात साझा की है। उन्होंने डेब्यू से एक रात पहले डक यानि बतख खाया था और अगले दिन वह शून्य (डक) पर आउट हो गए थे। पहली ही गेंद पर लियाम प्लंकेट ने उनका विकेट ले लिया था, इसके बाद उन्होंने फैसला किया था कि मैच से पहले वह कभी भी डक नहीं खाएंगे।
जानें उस दिन की कहानी
टेलर ने कहा कि, "साल 2007 में वर्ल्ड कप मैच में डेब्यू से एक दिन पहले मैं सेंट लूसिया के एक चाइनीज रेस्टोरेंट में खाना खाने गया था। मुझे डक बेहद पसंद है और मैने वहीं ऑर्डर किया। लेकिन अगले दिन मेरे डेब्यू मैच में पहले ही गेंद पर मैने एक शॉट खेला और एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने बेहतरीन कैच ले लिया और मैं डक पर आउट हो गया। जिसके बाद से मैने नियम बना लिया कि मैच से पहले बतख नहीं खाना है।"
ठीक उसी दिन जब टेलर जीरो पर आउट हुए तो एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ एक घटना घटी थी। पूर्व इंग्लिश ऑलराउंडर फ्लिंटॉफ भी गोल्डन डक पर आउट हुए थे। उन्होंने कहा कि, "फ़्रेडी का दिन मुझसे भी ज़्यादा बुरा था, वह भी गोल्डन डक पर आउट हो गए थे और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला और इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा।
टेलर के फिर खाया था बतख और हुआ था कुछ ऐसा
उन्होंने डक आउट होने की एक और घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि, "कुछ साल बाद हम खाने पर गए थे जहां मेन्यू में बतख था। मैंने कहा कि मैं बतख नहीं खा सकता क्योंकि मेरा मैच दो दिनों बाद था। इसके बाद मेरे दोस्तों ने मुझे समझाया कि मेरा यह नियम तभी लागू होता है जब मुझे अगले दिन मैच खेलने जाना है। फिर मैने उस रात बतख खाया लेकिन दो दिन बाद मैं फिर गोल्डन डक पर आउट हो गया।" उन्होंने बताया कि यह उनके जिंदगी का डक सागा है।