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Rohit Sharma ( Image Credit: Twitter)
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज में भारत को 1-2 से मिली हार के बाद विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद रोहित शर्मा को टेस्ट का पूर्णकालिक कप्तान नियुक्त किया गया। चूंकि रोहित शर्मा पहले से ही वनडे और टी-20 के कप्तान थे, तो उनका टेस्ट कप्तान बनना लगभग स्पष्ट था। इस बीच भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह का मानना है कि रोहित शर्मा को टेस्ट कप्तान बनाना बीसीसीआई द्वारा लिया गया इमोशनल फैसला था।
हालांकि, कई लोगों की राय थी कि बीसीसीआई को कुछ अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि रोहित शर्मा 34 साल की उम्र पार कर चुके हैं और वह कई बार चोटिल होने के कारण महत्वपूर्ण मुकाबलों से बाहर हो गए हैं। बहरहाल चयनकर्ताओं ने दाएं हाथ के बल्लेबाज को नेतृत्व सौंपा, क्योंकि उन्होंने वनडे और टी-20 मैचों में अच्छा काम किया था।
इस बीच इंडियन टी-20 लीग में मुंबई के लिए रोहित शर्मा के नेतृत्व में खेलने वाले युवराज सिंह ने उनके कप्तानी कौशल की भारी प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि दाएं हाथ के बल्लेबाज को कुछ समय पहले सफेद गेंद का कप्तान बनाया जाना चाहिए था।
युवराज सिंह ने रोहित शर्मा के बारे में कही ये बातें
युवराज सिंह ने कहा, वह एक बेहतरीन नेतृत्वकर्ता हैं। जब मैं मुंबई के लिए खेल रहा था तो उनके अंडर में खेला। वह बहुत अच्छे विचारक और अच्छे कप्तान हैं। रोहित शर्मा को कम से कम कुछ समय पहले ही सफेद गेंद वाले क्रिकेट में कप्तान होन चाहिए था। चूंकि विराट कोहली अच्छा कर रहे थे और टीम भी इतना अच्छा कर रही थी, तो उनको कप्तान बनाना आसान नहीं था।
उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में उन्हें कप्तान नियुक्त करना एक इमोशनल फैसला था। जब उन्हें कप्तान बनाया गया तो फिटनेस के अधीन घोषित किया गया। आप फिटनेस के अधीन अपने टेस्ट कप्तान का ऐलान नहीं कर सकते। उन्हें काफी चोट लग रही है। रोहित उस उम्र में हैं, जहां उन्हें अपने फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा, इससे रोहित के ऊपर टेस्ट कप्तानी का भी दबाव पड़ेगा। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत किए अभी कुछ ही साल हुए हैं। वह अच्छा खेल रहे हैं। इस खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने दीजिए। मुझे आशा है कि वह आनंद लेंगे। मैदान में 5 दिनों तक खड़े रहना आसान नहीं है।