कतर में विश्व कप का फाइनल मुकाबला लुसैल स्टेडियम में गत चैंपियन फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच खेला गया। जहां अर्जेंटीना पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को हराकर 36 साल बाद विश्व कप जीतने में सफल रहा। अर्जेंटीना ने 1978 और 1986 के बाद ब तीसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया।
पहले हॉफ में अर्जेंटीना का दबदबा
मुकाबले के 23वें मिनट में पेनल्टी में लियोनस मेसी ने विपक्षी गोलकीपर को छकाते हुए सीधे शानदार गोल दागा। इस गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने मुकाबले की शुरुआत में 1-0 की बढ़त बना ली। फ्रांस के ओस्मान डेम्बेले ने पेनल्टी बॉक्स में अर्जेंटीना के एंजेल डी मारिया को गिरा दिया। रेफरी ने उनकी गलती को देखते हुए अर्जेंटीना को पेनल्टी दे दी। फिर क्या था कप्तान मेसी ने कोई गलती नहीं की और गेंद को सीधे गोलपोस्ट में डाल दिया।
फाइनल में अर्जेंटीना के लिए 36वें मिनट में एंजेल डी मारिया ने दूसरा गोल दागा। मैक एलेस्टर के बेहतरीन पास पर डी मारिया ने सीधे गेंद को गोलपोस्ट में डाला। इस तरह पहले हॉफ तक अर्जेंटीना ने 2-0 की बढ़त बनाए रखा। अर्जेंटीना बॉल पजेशन में भी आगे रही और उसने हॉफ टाइम तक 60 फीसदी बॉल पजेशन रखा। वहीं, फ्रांस का बॉल पजेशन 40 फीसदी रहा।
दूसरे हॉफ में फ्रांस ने की वापसी
वहीं, दूसरे हॉफ में फ्रांस ने मैच में वापसी करते हुए लगातार दो गोल दागे। फ्रांस के युवा स्टार किलियन एमबापे ने 80वें मिनट में पेनल्टी पर पहला गोल किया। इसके बाद उन्होंने अगले ही मिनट में दूसरा गोल करके मैच को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद खेल एक्स्ट्रा टाइम में गया।
एक्स्ट्रा टाइम में नहीं निकला नतीजा
अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी ने एक्स्ट्रा टाइम में शानदार गोल किया। उन्होंने 108वें मिनट में गेंद को गोलपोस्ट कर अर्जेंटीना को मैच में 3-2 से आगे कर दिया, लेकिन किलियन एमबापे ने हैट्रिक लगाते हुए 118वें मिनट में पेनल्टी पर गोल कर फ्रांस को मैच में वापस ला दिया।
एक्स्ट्रा टाइम में भी मैच का नतीजा नहीं निकला तो मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने मैच को अपने नाम किया।