यूएफा चैंपियंस लीग का रोमांच और उत्साह नॉकआउट दौर में अपने चरम पर होता है। जब तक रेफरी अंतिम सीटी ना बजा दे, तब तक मैच को समाप्त नहीं माना जाता है। कल दूसरे लेग के मुकाबलों में यही देखने को मिला जब रियल मैड्रिड को अतिरिक्त समय तथा विलारियल को आखिरी के दो मिनट तक जीत के लिए इंतजार करना पड़ा। आज भी दोनों दूसरे लेग के मैचों में यही हुआ, जिसमें मैनचेस्टर सिटी एवं लिवरपूल ने अंतिम-4 का टिकट कटाया।
मैनचेस्टर सिटी को जीत के लिए पसीने छुड़ाने पड़े
पेप गुआर्डिओला की मैनचेस्टर सिटी अपने ऐसे खेल के लिए मशहूर है जिसमें वह लगभग पूरे मैच के दौरान गेंद अपने पास रखती है और इधर-उधर करते हुए गोल करने का प्रयास करती है। पहले लेग में मैनचेस्टर सिटी ने एटलेटिको मैड्रिड को गेंद बमुश्किल दी और मैच 1-0 से अपने नाम किया। एटलेटिको ने उस लेग में एक भी शॉट नहीं लगाया जो सिटी के दबदबे को दर्शाता है।
फैंस और फुटबॉल विशेषज्ञों को वांडा मेट्रोपोलिटानो में भी सिटी से ऐसे ही खेल की उम्मीद थी जो पहले हाफ में देखने को भी मिली। लेकिन दूसरे हाफ में डिएगो सिमियोनि ने अपनी टीम को आगे चढ़कर खेलने के लिए निर्देश दिया जिसे एटलेटिको के खिलाड़ियों ने मैदान पर किया। एटलेटिको ने बहुत सारे मौके बनाए लेकिन मैनचेस्टर सिटी की मजबूर डिफेंस ने हर प्रयास को नाकाम किया। अंतिम क्षणों में दोनों खेमों के बीच द्वंद भी हुआ सिटी अंतिम-4 में पहुँचने में कामयाब रही जहां उनका सामना रियल मैड्रिड से होगा।
लिवरपूल को बेनफिका से चुनौती मिली लेकिन रेड्स जीत गए
पहला लेग बड़ी आसानी से जीतने वाली लिवरपूल को बेनफिका ने दूसरे लेग में कड़ी मेहनत करने पर मजबूर किया। जर्गन क्लॉप की टीम ने घरेलू मैदान पर अच्छी शुरुआत करते हुए 21वें मिनट में इब्राहीमा कोनाटे के गोल की बदौलत एग्रीगेट स्कोर पर 4-1 से बढ़त बना ली। इसके बावजूद बेनफिका ने जुझारू खेल जारी रखा और डिफेंस व अटैक का अच्छा मिश्रण दिखाया।
दूसरे हाफ में रॉबर्टो फर्मिनो के दो गोलों से लिवरपूल के पास एग्रीगेट स्कोर पर 6-2 की बढ़त हो गई। हालांकि, इसके बाद बेनफिका ने लगातार आक्रमण किया और 73 व 81 मिनट पर गोल कर वापसी का प्रयास किया। लेकिन अंततः लिवरपूल ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए आगे कोई गलती नहीं की और मैच अपने नाम करते हुए सेमीफाइनल का टिकट कटाया। अब लिवरपूल का अंतिम-4 में स्पेनिश क्लब विलारियल से सामना होगा।