24 नवंबर से शुरू हो रहे पुरुष एफआईएच हॉकी जूनियर विश्व कप का आयोजन दर्शकों की गैरमौजूदगी में होगा, क्योंकि आयोजकों का मानना है कि अगर मैच के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं तो कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना मुश्किल होगा। यह इवेंट 24 नवंबर से 5 दिसंबर तक भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेला जायेगा। मेजबान भारत इस टूर्नामेंट का गत चैंपियन है।
हॉकी इंडिया ने अपने विज्ञप्ति में कहा कि इस खेल की लोकप्रियता और स्टेडियम में दर्शकों की अपेक्षित भीड़ के साथ आयोजकों का मानना है कि लोगों की संख्या को नियंत्रित करना संभव नहीं होगा और ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना मुश्किल होगा।
विज्ञप्ति के मुताबिक, मौजूदा कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रशंसकों और एथलीटों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है। टूर्नामेंट को ऐसे वातावरण में कराना जरूरी है, जहां भाग लेने वाली टीमों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरी है। कलिंगा स्टेडियम सिर्फ मान्यता प्राप्त कर्मियों और टूर्नामेंट में भाग लेने प्रतिभागियों के लिए खुला रहेगा।
टूर्नामेंट में 16 टीमें लेंगी भाग
इस टूर्नामेंट में 16 टीमें भाग लेंगी, जिसमें मेजबान भारत के साथ अर्जेंटीना, बेल्जियम, कनाडा, चिली, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया, मलेशिया, पाकिस्तान, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, नीदरलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
पूल चरण पांच दिनों तक खेला जायेगा, जिसके बाद 30 नवंबर से वर्गीकरण खेल होंगे। इसमें क्वार्टर फाइनल 1 दिसंबर को, सेमीफाइनल 3 दिसंबर को और फाइनल 5 दिसंबर को खेला जायेगा।
विदेशी टीमों को छूट
टूर्नामेंट के लिए विदेशी टीमों को क्वारंटाइन से छूट दी गई है और उन्हें अपने प्रवास के दौरान सिर्फ कोविड-19 लक्षणों के लिए खुद की निगरानी करने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
मेहमान टीमों को उन जरूरी स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों को मानना होगा, जिनमें सभी प्रतिभागियों को यहां पहुंचने से पहले 72 घंटे के अंदर का आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण शामिल है। इसके अलावा यूरोप और पश्चिमी एशिया से आने वाली टीमों को हवाई अड्डे पर पहुंचने पर परीक्षण जरूरी है।