गत चैंपियन भारत ने पिछले संस्करण के उप-विजेता बेल्जियम को 1-0 से पराजित कर जूनियर पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में शारदानंद तिवारी के एकलौते गोल ने टीम इंडिया को अंतिम-4 में पहुंचा दिया। गौरतलब है कि भारत ने 2016 में लखनऊ में खेले गए पिछले वर्ल्ड कप में भी बेल्जियम को मात देकर खिताब पर कब्जा जमाया था।
दो धुरंधरों के बीच हुई कड़ी टक्कर
क्वार्टरफाइनल के इस मैच में दोनों टीमों की रक्षापंक्ति से जुझारू खेल का प्रदर्शन देखने को मिला। बेल्जियम की टीम ने इस मुकाबले को आक्रामकता से शुरू किया और भारतीय रक्षापंक्ति पर शुरुआती मिनटों में ही दबाव बनाया। लेकिन भारतीय डिफेंडर दबाव में नहीं बिखरे और विपक्षी टीम को गोल नहीं करने दिया।
टीम इंडिया के लिए स्कोर करने का पहला मौका पहले क्वार्टर के खत्म होने से चंद मिनट पहले उत्तम सिंह के जरिए आया, लेकिन उनकी कोशिश को बेल्जियम के गोलकीपर को विफल कर दिया। इसके बाद भारत ने मैच पर पकड़ बनानी शुरू की और विरोधी खेमे में लगातार आक्रमण किया। इसका फायदा भी टीम को मिला जब 21वें मिनट में भारत को अपना पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे शारदानंद तिवारी ने गोल में तब्दील किया।
इसके दो मिनट बाद मंजीत ने रिवर्स हिट से साइड नेट पर जोरदार प्रहार किया। बेल्जियम को 26वें मिनट कॉर्नर मिला लेकिन उनके ड्रैग फ्लिकर जेफ डी विंटर ने काफी दूर शॉट मारा। दूसरे हाफ में बेल्जियम की टीम आक्रामकता के साथ उतरी लेकिन भारतीय डिफेन्स ने उनके हर आक्रमण का जवाब दृणता और मजबूती से दिया।
भारतीय टीम की तरफ से ऐसा लग रहा था कि वे गेंद को अपने पाले में रखना चाह रहे थे जिसकी एक झलक तब देखने को मिली जब एक शानदार मौका होने के बावजूद कप्तान विवेक सागर प्रसाद ने शार्ट मारने की बजाए दूसरे खिलाड़ी को पास देना बेहतर समझा। चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने जबरदस्त अटैक किया लेकिन इसके बावजूद वे भारतीय दीवार को भेदने में चूकते रहे।
टीम इंडिया को शुक्रवार को सेमीफाइनल में जर्मनी से भिड़ना होगा, जो पिछले संस्करण की कांस्य पदक विजेता थी। छह बार की चैंपियन जर्मनी ने एक अन्य क्वार्टरफाइनल में स्पेन को 3-1 से शूट आउट में हराया, जब दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं।