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सानिया मिर्जा ने किया संन्यास का ऐलान, सोशल मीडिया पर शेयर किया 3 पेज का इमोशनल नोट

सानिया मिर्जा ने आज सोशल मीडिया पर औपचारिक रूप से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने तीन पेज का लंबा नोट शेयर किया है।

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Justin Joseph
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Sania Mirza

Sania Mirza ( Image Credit: Twitter)

भारत की स्टार टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने आज ट्विटर पर औपचारिक रूप से ऐलान कर दिया है। उन्होंने तीन पेज का लंबा नोट शेयर किया है और बताया है कि ऑस्ट्रेलियन ओपन और दुबई ओपन उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा।

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ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने पहुंचीं सानिया मिर्जा ने कहा कि इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन और दुबई ओपन के बाद वह टेनिस को अलविदा कह देंगी। उन्होंने कहा कि यूएस ओपन में चोट की वजह से नहीं खेल पाने के बाद उस समय उन्होंने संन्यास नहीं लेने की घोषणा की थी।

अपने नोट में उन्होंने क्या लिखा?

30 साल पहले एक 6 साल की लड़की अपनी मां के साथ निजाम क्लब गई, जो हैदराबाद के नस्र स्कूल में पढ़ती थी। और कोच से टेनिस सीखने के लिए लड़ी। सभी बाधाओं के बावजूद इस उम्मीद के साथ कि किसी दिन एक ग्रैंड स्लैम में खेलने और देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखने का साहस किया। अब मैं पीछे पलटकर अपने करियर को देखती हूं तो न केवल मुझे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में खेलने का मौका मिला, बल्कि भगवान की कृपा से उनमें से कुछ जीतने का भी मौका मिला। अपने देश के लिए पदक जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा है और पोडियम पर खड़ा होने में विनम्र महसूस किया। यह लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू हैं और मेरे रोंगटे खड़े हैं।

उन्होंने आगे लिखा, माता-पिता और बहन, मेरे परिवार, मेरे कोच, मेरे फिजियो, मेरे ट्रेनर्स, मेरे फैन्स, मेरे सपोर्टर्स, मेरे सहयोगियो और मेरी पूरी टीम के सपोर्ट के बिना यह संभव नहीं था, जो अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे। मैं इनमें से हर को धन्यवाद देना चाहती हूं। इन सभी ने मेरे कठिन दौर में मेरी मदद की। मेरा ग्रैंड स्लैम सफर 2005 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के साथ शुरू हुआ।

 

जैसे कि मैं 18 साल बाद अपने आखिरी ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए तैयार हूं और इसके बाद फरवरी में होने वाले दुबई ओपन के लिए, मेरे मन काफी भावुक हो उठा है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है। मैंने अपने 20 साल के प्रोफेशनल करियर में जो कुछ भी हासिल किया और जो यादें बनाईं उसके लिए आभारी हूं। जब भी मैं विजयी हुई तब अपने देश के लोगों के मन में जो खुशी देखी वह मेरे लिए सबसे यादगार पल है। जिंदगी चलती रहनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि यह अंत है। यह अन्य यादों की शुरुआत है। मेरे बेटे को मेरी काफी जरूरत है और मैं उसे अच्छी जिंदगी और ज्यादा समय देने का और इंतजार नहीं कर सकती।

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