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साल 1997 में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था। इस दौरे पर भारत को बारबाडोस में तीसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 38 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारत को बारबाडोस टेस्ट मैच जीतने के लिए 120 रनों का पीछा करना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और भारत 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से पीछे हो गया।
1997 में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। इस दौरे पर सचिन तेंदुलकर ने सौरव गांगुली को करियर खत्म करने की धमकी दी थी। तेंदुलकर को मैच जीतने का भरोसा था और उन्होंने रेस्टोरेंट मालिक को जीत के बाद की पार्टी के लिए शैंपेन तैयार करने का निर्देश दिया था। लेकिन टीम इंडिया चौथी पारी में 81 रन पर आउट हो गई और भारत यह मैच 38 रनों से हार गया था।
सौरव गांगुली को सचिन ने दी थी करियर बर्बाद करने की धमकी
हार के बाद सचिन तेंदुलकर काफी गुस्से में थे। इसके बाद सौरव गांगुली सचिन तेंदुलकर का गुस्सा शांत करने के लिए उनके कमरे में गए। सचिन ने गांगुली को अगली सुबह आने के लिए कहा, लेकिन गांगुली नहीं आए। सचिन तेंदुलकर को सौरव गांगुली का व्यवहार पसंद नहीं आया और उन्होंने इस वजह से उनका करियर खत्म करने की धमकी दी थी।
कप्तान के रूप में प्रभावशाली नहीं रहा है सचिन तेंदुलकर का करियर
सचिन तेंदुलकर दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक थे, लेकिन एक कप्तान के रूप में उनका रिकॉर्ड बहुत प्रभावशाली नहीं था। सचिन तेंदुलकर साल 1996 से 2000 तक टीम इंडिया के कप्तान थे। सचिन तेंदुलकर ने 98 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की, जिसमें से टीम इंडिया ने 27 मैच जीते और 52 मैच हारे।
तेंदुलकर की कप्तानी में भारत ने 73 वनडे में से 23 मैच जीते। उन्होंने 25 टेस्ट मैचों में से केवल 4 जीते। साल 2000 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सचिन ने टीम इंडिया की कप्तानी को अलविदा कह दिया। इसके बाद चयन समिति ने गांगुली को नया कप्तान नियुक्त किया। सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत का नेतृत्व किया है।
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